दो साल में अमेरिकन सड़कों के नेटवर्क की तरह होगा छत्तीसगढ़ का नेटवर्क, 20 हजार करोड़ रुपए के कार्यों की दी स्वीकृति

 

*केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने इंडियन रोड कांग्रेस के अधिवेशन में की घोषणा*

*छत्तीसगढ़ में चार राष्ट्रीय राजमार्गों को फोरलेन करने राशि मंजूर, रायपुर में चार फ्लाईओवर बनेंगे*

*मजबूत अर्थव्यवस्था के निर्माण में सड़कें हमारी सबसे बड़ी ताकत: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय*

रायपुर, :—छत्तीसगढ़ के नेशनल हाइवे का नेटवर्क दो साल के अंदर अमेरिकन नेटवर्क के बराबर होगा, आज मैं यह विश्वास दिलाता हूँ, आपने जो छत्तीसगढ़ राज्य के लिए मांगे रखी हैं वे सब देंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज रायपुर में आयोजित हो रहे भारतीय सड़क कांग्रेस के 83वें वार्षिक अधिवेशन के शुभारंभ कार्यक्रम में ये बातें कहीं। उन्होंने इस मौके पर छत्तीसगढ़ में सड़कों के विकास के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के कार्यों की स्वीकृति दी। इनमें चार राष्ट्रीय राजमार्गों में फोरलेन के लिए डीपीआर की स्वीकृति भी शामिल है। गडकरी ने धमतरी से जगदलपुर, रायपुर से बलौदाबाजार-सांरगढ़, कटघोरा से अम्बिकापुर और बिलासपुर से अकलतरा-रायगढ़ से ओडिशा बार्डर तक के राष्ट्रीय राजमार्गों को फोरलेन करने के लिए राशि स्वीकृत करने की घोषणा की। उन्होंने छत्तीसगढ़ में कई सिंगल लेन और टू लेन सड़कों के निर्माण के लिए भी राशि मंजूर की। गडकरी ने रायपुर में सरोना, उद्योग भवन, तेलीबांधा और धनेली जंक्शन में फ्लाईओवर निर्माण के लिए भी राशि स्वीकृत करने की घोषणा की। उन्होंने तीन सड़कों के वन टाइम इंप्रूवमेंट कार्यों की भी मंजूरी दी। गडकरी ने सड़कों के निर्माण लिए केन्द्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) से 900 करोड़ रूपए देने की भी घोषणा की।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर में भारतीय सड़क कांग्रेस के अधिवेशन का शुभारंभ करते हुए कहा कि इंडियन रोड कांग्रेस में देश के विभिन्न राज्यों से आये सभी इंजीनियर्स को मैं देश के विश्वकर्मा के रूप में मानता हूँ। राष्ट्र के निर्माण में आप सबका बहुत बड़ा योगदान है। हमारे प्रधानमंत्री का मिशन है कि हम हिंदुस्तान को 5 ट्रिलियन की इकानामी बनायें। आत्मनिर्भर भारत बनाएं। इसके लिए हमें इंडस्ट्री और एग्रीकल्चर में प्रगति करनी होगी। इसके लिए यातायात का इंफ्रास्ट्रक्चर हमें बेहतर करना होगा। इस क्षेत्र में जब कैपिटल इन्वेस्टमेंट आएगा तो रोजगार निर्मित होगा और गरीबी दूर होगी और हिंदुस्तान आत्मनिर्भर होगा। इस सपने को पूर्ण करने में आपके गुणवत्तापूर्ण काम का महत्वपूर्ण योगदान होगा, इसके लिए देश-विदेश में रिसर्च को अपनाना होगा। ज्ञान को संपत्ति में बदलना ही भविष्य हैं।

गडकरी ने अधिवेशन में शामिल हो रहे इंजीनियर्स से कहा कि जनता का पैसा जितना बचा सकते हैं बचाएं, इसमें तकनीक बहुत काम आयेगी। छत्तीसगढ़ में एक महत्वपूर्ण बात शुरू हुई है। हमने यहां से एक बैम्बू क्रैश बैरियर बनाना आरंभ किया। स्टील यूज करने की जरूरत नहीं, यह इको फ्रेंडली है। आप पूरे छत्तीसगढ़ में लोहे के बजाय बैम्बू क्रैश बैरियर यूज करें, इससे गांव के किसानों को बैम्बू के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। हमने पराली से बायो विटामिन बनाया है और इसका मेघालय में प्रयोग हो रहा है। अभी पानीपत में हमने पराली में एक हजार लीटर बायो विटामिन और बायो एविएशन फ्यूल बनाना शुरू किया। यह पराली अथवा पैरा से बनेगा तो छत्तीसगढ़ में बहुत बढ़िया काम हो जाएगा।

गडकरी ने कहा कि रोड एक्सीडेंट को कम करने हमें बहुत प्रयास करना होगा। कोशिश करिये एक्सीडेंट न हों। इसके लिए सभी तकनीकी उपाय अपनाएं। छोटी-छोटी बातों को अमल में लाकर रोड इंजीनियरिंग में सुधार करें तो बहुत बेहतर होगा। मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि रोड सेफ्टी के हिसाब से परफेक्ट रोड बनाइये। रोड सेफ्टी को सर्वाेच्च प्राथमिकता दें।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अधिवेशन के उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हमें विकास भी करना है और पर्यावरण का संतुलन भी रखना है। हमारे देश में ट्रांसपोर्ट सेक्टर देश के पाल्यूशन में 40 प्रतिशत योगदान करता है। मैं आईआरसी के पदाधिकारियों से अनुरोध करूंगा कि आप इस सेक्टर को इंटीग्रेटेड एप्रोच से सोचें। हमें सड़कों के किनारे टायलेट बनाने होंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारे लिए यह बहुत ही खुशी की बात है कि इंडियन रोड कांग्रेस के 83वें अधिवेशन की मेजबानी का सौभाग्य छत्तीसगढ़ को प्राप्त हुआ है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी को इस कार्यक्रम में अपने बीच पाकर हमारी खुशी दोगुनी हो गई है। भारत के विकसित राज्यों में अपना स्थान बनाने की ललक के साथ छत्तीसगढ़ बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि श्री गडकरी जी का सहयोग और प्रोत्साहन हम लोगों को निरंतर मिल रहा है। हाल ही में छत्तीसगढ़ के लिए उन्होंने 11 हजार करोड़ रुपए की अत्यंत महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाएं स्वीकृत की हैं। इसके लिए मैं उन्हें हृदय से धन्यवाद देता हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 01 नवम्बर को हम लोगों ने राज्य स्थापना का 24वां वर्ष पूरा किया है और अब रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य रखा है। इसके अनुरूप छत्तीसगढ़ राज्य विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ ने अपना विजन डाक्यूमेंट तैयार कर लिया है, इसके मुताबिक हम बहुत रणनीतिक और सुव्यवस्थित तरीके से अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे समय में छत्तीसगढ़ में इस 83वें इंडियन रोड्स कांग्रेस के आयोजन से हम उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2028 तक हमने छत्तीसगढ़ की जीएसडीपी को दोगुना करते हुए 10 लाख करोड़ रुपए करने का निश्चय किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मजबूत अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए सड़कें हमारी सबसे बड़ी ताकत होंगी, राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों में परिवहन के अन्य साधनों की तुलना में सड़कों का विस्तार कहीं ज्यादा सुविधापूर्ण हैं। पिछले 10 वर्षों में छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्गों का अच्छा विकास हुआ है, रायपुर-विशाखापट्टनम इकॉनोमी कॉरिडोर सहित अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएं तेजी से चल रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछाने की है। हम प्रदेश के दुर्गम से दुर्गम क्षेत्रों को भी मुख्य मार्गों के साथ कनेक्ट कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विशाल भू-भाग में हम इस चुनौतीपूर्ण काम को कम समय, कम लागत किन्तु टिकाऊ और गुणवत्तापूर्ण तरीके से करना चाहते हैं। हमारी सोच केवल सड़क निर्माण ही नहीं है, बल्कि अच्छी सड़कों के निर्माण की है। हम सड़क निर्माण की ऐसी तकनीकों को अपनाने के लिए ललायित हैं, जो ज्यादा पर्यावरण हितैषी हों। हमने हरित ऊर्जा को ज्यादा से ज्यादा अपनाने का संकल्प लिया है, हम यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि सड़क निर्माण और सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में हरित ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग किस तरह किया जा सकता है।

केन्द्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा ने अधिवेशन के शुभारंभ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत में हिमालय से लेकर समुद्र तक सड़कों का जाल बिछ रहा है। हम सब 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य लेकर काम कर रहे हैं।

उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरूण साव ने अपने सम्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ पर प्रकृति की असीम कृपा है। यहां बड़ी-बड़ी नदियों, पहाड़ और जंगल के साथ ही कोयले से लेकर हीरे तक के भण्डार हैं। छत्तीसगढ़ कई संतों और महात्माओं की तपो स्थली और कर्मभूमि रहा है। उन्होंने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ ने हर क्षेत्र में तेजी से विकास किया है। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के सहयोग से छत्तीसगढ़ में सड़कों का जाल बिछ रहा है। साव ने उम्मीद जताई कि भारतीय सड़क कांग्रेस के इस 83वें अधिवेशन में देशभर के विशेषज्ञ सड़क निर्माण और सड़क सुरक्षा को लेकर देश और दुनिया में हो रहे अनुसंधान, नवाचार, नई मशीनरी और नई तकनीकों के बारे में मंथन कर इस क्षेत्र की समस्याओं का हल निकालने में सार्थक पहल करेंगे।

भारतीय सड़क कांग्रेस के शुभारंभ कार्यक्रम को केन्द्रीय सड़क परिहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के महानिदेशक डी. सारंगी, छत्तीसगढ़ शासन में लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, भारतीय सड़क कांग्रेस के अध्यक्ष के.के. पिपरी और महासचिव एस. के. निर्मल ने भी सम्बोधित किया। उद्घाटन सत्र में आज सड़क निर्माण और सड़क सुरक्षा से संबंधित भारतीय सड़क कांग्रेस द्वारा तैयार तीन गाइडलाइन्स और एक मेन्यूअल भी जारी किया गया। अतिथियों ने कार्यक्रम में भारतीय सड़क कांग्रेस की स्मारिका का भी विमोचन किया।

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