डी.पी. विप्र महाविद्यालय में वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय के साईनेक्स मिलेनियम के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू

बिलासपुर से अमित पाटले की रिपोर्ट
बिलासपुर से अमित पाटले की रिपोर्ट

बिलासपुर शहर के डी.पी. विप्र महाविद्यालय में विश्वविद्यालय स्तर पर कला, वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय के साईनेक्स मिलेनियम के समापन दिवस के अवसर पर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू , आवास एवं शहरी मंत्रालय, भारत सरकार, अध्यक्षता, प्रवीण झा जी एम.फिल के निदेशक एवं समाजसेवी, विशिष्ट अतिथि अरूण सिंह चैहान जिला पंचायत अध्यक्ष, जलेश्वर साहू, जिला पंचायत सदस्य, डाॅ. हर्षिता शुक्ला, डाॅ.अंजू शुक्ला, प्राचार्य, डी.पी. विप्र महाविद्यालय, अविनाश सेठी, अध्यक्ष, एलुमिनी के अध्यक्ष उपस्थित रहे।

त्रिद्विवसीय साईनेक्स मिलेनियम के समापन अवसर पर केन्द्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू द्वारा महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक एवं लोकप्रशासन विभागाध्यक्ष डाॅ. एम.एस. तम्बोली के पुस्तक ‘‘ भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान‘‘ तथा इतिहास विभाग के प्राध्यापक प्रो. यूपेश कुमार के पुस्तक ‘‘भावनात्मक बुद्धि‘‘ का विमोचन किया गया। तोखन साहू ने अपने वक्तव्य में कहा कि तमसो मा ज्योर्तिगमय का उद्घोष व्यक्ति को अंधकार से प्रकाश की ओर जाने के लिए प्रेरित करता है।

व्यक्ति, परिवार, समाज, राष्ट्र क्रमशः एक दूसरे के पूरक है, व्यष्टि में ही समष्टि है, व्यक्ति का विकास वस्तुतः राष्ट्र का विकास है। विद्यार्थी जीवन मानव जीवन के निर्माण का युग होता है, यदि नींव मजबूत रखी जाये तो उस पर सफलताओं की कई इमारतें खड़ी की जा सकती है। विद्यार्थियों के प्रादर्शों की उन्मुक्त कंठ से सराहना करते हुए विद्यार्थियों को ईमानदारी व निष्ठा से अपने कर्म में प्रवृŸा रहने के लिए प्रेरित किया। प्रवीण झा ने महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के प्रादर्शों की प्रसंशा करते हुए कहा कि यह छत्तीसगढ़ का एकमात्र ऐसा महाविद्यालय है जहाॅ इनोवेशन के लिए कार्य किये जाते हैं

, इसे सरकार को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ संस्कार भी बहुत आवश्यक है। डाॅ. अंजू शुक्ला ने अपने स्वागत उद्बोधन में विद्यार्थियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई देते हुए कहा कि महाविद्यालय में श्रद्धावान् लभते ज्ञानम् के सूक्त वाक्य को मूलमंत्र मानकार विद्याध्ययन् किया जाता हैं। प्राध्यापकों के साथ-साथ छात्र ऐसे जीवन की शिक्षार्जन करते हैं जिससे चारों पुरूषार्थ धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को प्राप्त किया जा सके। अरूण सिंह चैहान ने अपने उद्बोधन में महाविद्यालय को विगतवर्ष लिम्काबुक आॅफ वल्र्डस रिकार्डस में नाम दर्ज होने पर बधाईयां एवं शुभकामनाएॅ दी। छात्र संघ से टिकेश प्रताप सिंह ने विगत 24 वर्षों से महाविद्यालय में उत्कृष्ट प्रादर्श प्रस्तुती पर विद्यार्थियों को बधाई देते हुए सरकार से मांग की विद्यार्थियों द्वारा निर्मित प्रादर्शों के अनुरूप ऐसी शिक्षा नीति तैयार किए जाने की आवश्यकता है जिससे उन्हें रोजगार प्राप्त हो सके।

कार्यक्रम का संचालन डाॅ. एम.एस. तम्बोली तथा आभार प्रदर्शन नंदिनी शर्मा ने किया। मिलेनियम कार्यक्रम को सुनियोजित ढंग से संचालित करने में वीरेन्द्र साहू, जित्तू ठाकुर, गोविन्द सेठी, शिवा गेंदले, चित्रकांत निरडवार, विकास सिंह, आशीष मिश्रा, उमेश साहू, बृजेश बोले, हिमेश साहू, मनोज मेंसराम, अरूण नथानी, यश मिरानी, सुरेन्द्र अहिरवार, सचिन सूर्या, सन सूर्या, यजूर तिवारी, डाॅ. मनीष तिवारी, डाॅ. विवेक अम्बलकर, प्रो. निधीश चैबे कार्यक्रम के संयोजक, डाॅ. आभा तिवारी, डाॅ. एम.एल. जायसवाल, डाॅ. सुषमा शर्मा, डाॅ. आशीष शर्मा, प्रो. ए.श्रीराम, प्रो. तोषिमा मिश्रा, डाॅ. सुरुचि मिश्रा, प्रो. विश्वास विक्टर, डाॅ. ऋचा हाण्डा, डाॅ. किरण दुबे, प्रो. जयंतराॅय, प्रो. यूपेश कुमार, प्रो. रूपेन्द्र शर्मा, प्रो. लोकेश कुमार वर्मा, प्रो. ज्योति तिवारी, प्रो. सुचित दुबे, प्रो. प्रदीप जायसवाल, प्रो. दीपक कश्यप, प्रो. अंजली जायसवाल, तोरण यादव समस्त प्राध्यापकगण, कर्मचारीगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राए रूप उपस्थित रहे।

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