गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी बिलासपुर में ग्यारहवां दीक्षांत समारोह संपन्न

रतनपुर से अजय गुप्ता की रिपोर्ट

समारोह में पत्रकार अजय गुप्ता की ‘पुत्रवधू’ बिटियारानी श्रीमति डॉ. प्रियंका प्रतीक गुप्ता सहित 122 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि एवं 170 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से किया गया सम्मानित

 

उपराष्ट्रपति महामहिम जगदीप धनखड़ के हाथों सभी 292 विद्यार्थी हुए सम्मानित

 

दीक्षांत दीक्षा का अंत नही है बल्कि दीक्षा की शुरुआत :– उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

 

उपाधि से सुसज्जित छात्र देश विदेश में करें नाम रौशन :- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

 

बिलासपुर:—गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी बिलासपुर में बुधवार 15 जनवरी को उपराष्ट्रपति महामहिम  जगदीप धनखड़ एवं छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रामेन डेका व मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में ग्यारहवां दीक्षांत समारोह का आयोजन यूनिवर्सिटी परिसर स्थित रजत जयंती सभागार में किया गया जिसमें एमएससी कम्प्यूटर साइंस वर्ष 2023 एवं 2024 में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से टॉप करने वाली रतनपुर निवासी पत्रकार अजय गुप्ता की पुत्रवधू “बिटिया रानी” श्रीमति प्रियंका प्रतीक गुप्ता पिता  कृष्णा गुप्ता निवासी गनियारी सहित 170 विद्यार्थियों एवं 122 शोधार्थी छात्र छात्राओं को उपराष्ट्रपति महामहिम  जगदीप धनखड़ के द्वारा पीएचडी की उपाधि एवं गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर राज्यपाल रामेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय मंत्री तोखन साहू ,विधायक अमर अग्रवाल,धर्मजीत सिंह ठाकुर,सुशांत शुक्ला जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण चौहान राष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली अतुल कोठारी,व चेयरमेन एआईसीटीई प्रोफेसर टी.जी.सीताराम एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आलोक चक्रवाल विशेष रूप से उपस्थित रहे। श्रीमति डॉ. प्रियंका प्रतीक गुप्ता की उक्त उपलब्धि पर रतनपुरिहा कसौंधन वैश्य समाज ने हर्ष ब्यक्त करते हुए पीएचडी की उपाधि सहित गोल्ड मेडल हासिल करने वाली श्रीमति डॉ. प्रियंका प्रतीक गुप्ता सहित उसके पूरे परिवार को बधाई देते उनके उज्वल भविष्य की कामना की है।

डॉ. सुषमा जायसवाल ने किया निर्देशन।

गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर में अध्ययनरत रतनपुर निवासी श्रीमति प्रियंका प्रतीक गुप्ता को उनके द्वारा चयनित शोध विषय मशीन लर्निंग बेस्ड अप्रोचेस फॉर प्रेडिक्शन आफ डायबिटीज मेलिटस के लिए पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। उल्लेखनीय है कि डॉ. सुषमा जायसवाल ने उनके उक्त शोध का सफलता पूर्वक निर्देशन किया।

डॉ. श्रीमति प्रियंका प्रतीक गुप्ता समीपस्थ ग्राम गनियारी निवासी सिंचाई विभाग के सेवा निवृत्त कर्मी  कृष्णा गुप्ता की सुपुत्री एवं रतनपुर के वरिष्ठ पत्रकार अजय गुप्ता की पुत्रवधु हैं उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने निर्देशक डॉ. सुषमा जायसवाल के कुशल निर्देशन एवं अपने माता पिता व परिवारजनों सहित अपने समस्त ईष्ट मित्रों को दिया।

292 विद्यार्थी हुए पदक एवं उपाधि से सम्मानित।

समारोह में 292 विद्यार्थियों को पदक एवं उपाधि दी गई जिनमें 122 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि तथा 170 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। इनमें सत्र 2022 एवं 2023 के 85 छात्र छात्राओं को स्वर्ण तथा 49 छात्र-छात्राओं को पीएचडी की उपाधि तथा 2023 एवं 2024 के 85 छात्र छात्राओं को स्वर्ण तथा 73 छात्र छात्राओं को पीएचडी की उपाधि सहित विश्व विद्यालय पदक चांसलर पदक एवं गुरु घासीदास विश्व विद्यालय पदक तथा दान दाता पदक भी शामिल है। समारोह के दौरान उपस्थित सभी पदक से सम्मानित विद्यार्थी पूर्णरूप से भारतीय संस्कृति के अनुरूप वेश भूषा में नजर आईं।

समारोह में ये रहे विशेष रूप से उपस्थित।

कार्यक्रम में राज्यपाल रामेन डेका मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय केंद्रीय मंत्री तोखन साहू उपमुख्यमंत्री अरुण साव विधायक अमर अग्रवाल धर्मजीत सिंह ठाकुर सुशांत शुक्ला जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण चौहान कमिश्नर महादेव कावरे कलेक्टर अवनीश शरण आईजी संजीव शुक्ला एसपी रजनेश सिंह राष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई अतुल कोठारी दिल्ली प्रोफेसर टी.जी.सीताराम चेयरमेन एआईसीटीई विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आलोक कुमार चक्रवाल सहित बड़ी संख्या में अधिकारी कर्मचारी विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक उपस्थित रहे।

दीक्षांत दीक्षा का अंत नही है बल्कि दीक्षा की शुरुआत है :– उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़।

गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के 11 वें दीक्षांत समारोह में शामिल होकर मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ । दीक्षांत का शाब्दिक अर्थ दीक्षा का अंत नही होता बल्कि यह दीक्षा की शुरुआत होती है क्योंकि इसके बाद आपको जीवन के नए क्षेत्रों में प्रवेश करना होता है। जहां पर आपको जीवन के नए अनुभवों को सीखने का मौका मिलेगा अध्ययन का काल हमारे जीवन का अत्यंत महत्वपूर्ण समय होता है इस समय हमारे अंदर संस्कारों का निर्माण और क्षमताओं का विकास होता है शिक्षा हमें संस्कारवान सौम्य और संयमी बनाता है जो हमें समाज में पद प्रतिष्ठा और संपदा दिलाती है

साथ ही ज्ञान वह अस्त्र है जो हमें जीवन में कठिनाइयों से लड़कर आगे बढ़ने की राह दिखाता है जब हम अच्छे आचार विचार और मानवीय संवेदनाओं से युक्त कार्य करते है तो सफलता हमें जरूर मिलती है उक्त बातें महामहिम उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने 15 जनवरी को गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर के 11 वें दीक्षांत समारोह में यूनिवर्सिटी परिसर स्थित रजत जयंती सभागार में मुख्य अतिथि की आसंदी से कही।

उपाधि से सुसज्जित छात्र देश विदेश में करें नाम रौशन :- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

समारोह की अध्यक्षता कर रहे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने समारोह में उपस्थित विद्यार्थियों से कहा कि इस विश्वविद्यालय की उपाधि को धारित कर आप सभी शिक्षा के उस शस्त्र और शास्त्र से सुसज्जित होंगें जो ना केवल आपके लिए बल्कि आपके अभिभावकों सहित समाज राष्ट्र एवं इस विश्व विद्यालय को भी देश विदेश में गौरवान्वित करेगा। उन्होंने आगे कहा कि दीक्षांत समारोह छात्र छात्राओं के लिए केवल औपचारिकता नही है यह एक ऐसा अवसर है जो बदलाव आत्म मंथन और प्रेरणा का प्रतीक है उन्होंने कहा कि आज जब हम गुरु घासी दास विश्व विद्यालय से स्नातक छात्रों की उपलब्धियों का उत्सव मना रहे है ऐसे अवसर पर हम संस्थान के तमाम उन शिक्षकों कर्मचारियों और नेतृत्व का भी सम्मान करते है

जिन्होंने इन छात्रों के सपनों को साकार करने में अपना योगदान दिया है ऐसे में हमारे लिए गर्व का अवसर और भी बढ़ जाता है कि छत्तीसगढ़ का इकलौता केंद्रीय विश्व विद्यालय महान संत बाबा गुरु घासीदास जी के नाम पर स्थापित है जो ज्ञान समावेशिता और सांस्कृतिक गर्व का प्रतीक है जो अपनी स्थापना के समय से ही इस विश्व विद्यालय ने छत्तीसगढ़ की बौद्धिक प्रगति को आगे बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है

लगातार सीखने की प्रक्रिया आजीवन बनी रहती है :- अतुल कोठारी

विशिष्ट अतिथि और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने कहा कि आजीवन लगातार सीखने की प्रक्रिया बनी रहनी चाहिए शिक्षा की इस प्रक्रिया में तीन सोपान थे

श्रवण मनन और निदिध्यासन श्रवण यानी सभी इंद्रियों द्वारा ज्ञान को ग्रहण करना मनन यानी जो श्रवण किया है उसे मानस के माध्यम से विचार चिंतन मंथन की प्रक्रिया निदिध्यासन यानी श्रवण किए हुए ज्ञान को चिंतन मंथन द्वारा अपने जीवन में उतारना काफी अहम होता है।

आशावादी दृष्टिकोण से समाधान और आत्म विश्वास बढ़ता है :- टी. जी. सीताराम।

अति विशिष्ट अतिथि और चेयरमेन एआईसीटीई टी.जी. सीताराम ने कहा कि एक आशावादी दृष्टिकोण आपको समस्याओं के समाधान करने में और आत्म विश्वास को बढ़ाने में सहायता प्रदान करता है। शिक्षा ब्यक्ति को इस योग्य बनाती है कि वह अपने जीवन समाज और देश की समस्याओं की पहचान कर उनका निदान करने में सक्षम बनता है।उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने आपके ब्यक्तित्व के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इन गुणों को अपने ब्यक्तित्व का स्थायी अंग बना लेने में ही विश्व विद्यालय से प्राप्त शिक्षा की सार्थकता है।

जो प्रतिज्ञा ली उसका करें पालन :- कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल।

कुलपति प्रोफेसर आलोक चक्रवाल ने कहा कि मुझे प्रसन्नता हो रही है कि बहुप्रतिक्षित 11 वां दीक्षांत समारोह आयोजित हो रहा है उन्होंने शोधार्थियों सहित सभी पदक धारकों को अपनी ओर से बधाई एवं शुभकामनाएं देते उपस्थित सभी विद्यार्थियों से कहा कि जो प्रतिज्ञा आपने ली है उसका पालन करते हुए आप देश एवं दुनिया में अपना नाम रोशन करेंगें।

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