अबूझमाड़ के ‘नेलांगुर’ में आईटीबीपी ने खोला नया कैंप आईटीबीपी के बढ़ते कदम-अबूझमाड़ में छत्‍तीसगढ़ से महाराष्‍ट्र तक…

कोंडागांव से दीपक ठाकुर की रिपोर्ट
कोंडागांव से दीपक ठाकुर की रिपोर्ट

कोंडागांव:— छत्‍तीसगढ़ के अबूझमाड़ को नक्‍सलियों का अभेद किला माना जाता रहा है। भारत सरकार के नक्‍सल उन्‍मूलन मिशन और सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे नक्‍सल विरोधी *‘माड़ बचाओ’* अभियान के अंतर्गत विगत कुछ महीनों में सामरिक क्षेत्रीय मुख्‍यालय (भुवनेश्‍वर), आईटीबीपी, कोंडागांव (छ.ग.) के अधीन आने वाली आईटीबीपी की वाहिनियों ने जिला नारायणपुर, छत्‍तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र में लगातार अपनी ताकत बढ़ाई है और डी.आई.जी. राणा युद्धवीर सिंह के नेतृत्‍व में हिमवीरों ने इस दुर्गम व अबूझ इलाके में लगातार नए कैंप स्‍थापित किए हैं और अबूझमाड एक्सिस में अपनी तैनाती पूरी करते हुए इसको महाराष्‍ट्र बॉर्डर से जोड दिया है।

अबूझमाड़ में आईटीबीपी की बढ़ती ताकत व नक्‍सलियों की कमजोरी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हाल ही में आईटीबीपी, डी.आर.जी. व छत्‍तीसगढ़ पुलिस द्वारा चलाए जा रहे संयुक्‍त अभियानों में भारी सफलता हाथ लगी है और बड़ी तादाद में नक्‍सली आत्‍मसमर्पण कर देश की मुख्‍य धारा में शामिल हो रहे हैं या इलाका छोड़कर भाग रहे हैं। इस वर्ष जनवरी से अभी तक आईटीबीपी ने *5 नए कैंप अबूझमाड़* में राष्‍ट्रीय राजमार्ग 130 डी पर स्‍थापित किए गए हैं, जिनमें महाराष्‍ट्र सीमा से लगभग 1 किमी की दूरी पर नया व अंतिम कैंप *‘नेलांगुर’* भी शामिल है।

नेलांगुर सी.ओ.बी. 45वीं वाहिनी, आईटीबीपी द्वारा स्‍थापित किया गया है। माड क्षेत्र में आईटीबीपी के कैंप खुलने से नक्‍सलियों के खिलाफ ऑपरेशनों में तेजी आई है और उन पर दबाव बना है। साथ ही यहां के निवासियों को सुरक्षा के साथ-साथ चिकित्‍सा, पानी, सड़क व दूरसंचार जैसे आम सुविधाएं भी मुहैया करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।


राणा युद्धवीर सिंह, डी.आई.जी. ने कहा कि ऐसे ऑपरेशनों में हमारे सेंट्रल फ्रंटियर मुख्‍यालय, आईटीबीपी के आई.जी. ओ.पी. यादव का मार्गदर्शन व सहयोग मिलता रहा है। राजीव गुप्‍ता, सेनानी और उनकी 45वीं वाहिनी की टीम को नई सी.ओ.बी. नेलांगुर खोलने के लिए शाबाशी देते हुए सिंह ने सुन्‍दरराज पी., पुलिस महानिरीक्षक, बस्‍तर रैंज, अमित कामले, डी.आई.जी., कांकेर रेंज, प्रभात कुमार, पुलिस अधीक्षक, नारायणपुर, डी.आर.जी. व छत्‍तीसगढ़ पुलिस की टीमों के सक्रिय सहयोग के लिए आभार व्‍यक्‍त किया।

नरेन्‍द्र सिंह, सेनानी 41वीं वाहिनी व उनकी टीम और संजय कुमार, सेनानी 53वीं वाहिनी व उनकी टीम भी इस मौके पर मौजूद रहे।

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