वन विभाग पाली ने शिकार के लिए घात में बैठे 11 शिकारियों को धरदबोचा
रवि ठाकुुुर रतनपुर——वन परिक्षेत्र पाली के दमिया जंगल में शिकार के लिए घात लगाए बैठे शिकारियों को पाली वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार करने में सफलता अर्जित किया है। कुल 11 शिकारीयों से बड़ी मात्रा में वन्यजीवों के शिकार में प्रयुक्त होने वाली सामग्री, धनुष बाण ,अन्यहथियार और 2 नग उल्लू,वन्यजीवों के अवशेष, हड्डियाँ बरामद किया गया। इनके खिलाफ वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है।
पाली वन परिक्षेत्र में विगत हफ्ते 10 दिन से वन्य जीवो के शिकार, दुर्घटना, हिरणों की मौत जैसी कई खबरों के बाद वन विभाग लगातार आलोचना का शिकार बन रहा था। वन मंडल अधिकारी शमा फारूकी ने इन खबरों को गंभीरता से लेते हुए 2 दिन पूर्व ही पाली वन विभाग की एक गश्ती/ रेस्क्यू टीम का गठन किया गया। जो कि उक्त वन्य जीव के रहवास वाले क्षेत्रों पर लगातार गश्त कर रहा था।
कल पाली दमिया जंगल के कक्ष क्रमांक p-151 में अवैध रूप से वन्य प्राणियों का शिकार करने के लिए ग्राम डोगानाला, सरईपाली, के ग्रामीणों के द्वारा जाल बिछाया गया था । जिसपर पाली वन विभाग के अमले के द्वारा अभियान चलाकर घटनास्थल से 7 आरोपियों को वन्य प्राणी के शिकार के उद्देश्य से हथियार एवं औजार के साथ पकड़ा गया जबकि एक मौके से फरार हो गया।आरोपी ग्रामीणों से पूछताछ के दौरान उक्त कार्य में बतौर सहयोगी तीन और ग्रामीणों के नाम सामने आए। जिसके लिए आज पुनः वन विभाग की टीम ने संबंधित गांव में छापेमारी कर कुल 4 ग्रामीणों को गिरफ्तार करते हुए उनके पास से शिकार में प्रयुक्त होने वाले औजार, वन्यजीवों के अवशेष, उल्लू बाल वन्यजीवों के बाल, सिंग आदि बरामद किया और इनके खिलाफ वन्य जीव अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला पंजीकृत कर न्यायालय में प्रस्तुत किया। इस टीम में sdo श्री डड़सेना, वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रहलाद यादव वन परिक्षेत्र अधिकारी चैतमा सहित वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी शामिल थे।
वन्य जीवों की सुरक्षा हेतु विभाग
कृत संकल्पित ———फारूकी
वन विभाग ,कटघोरा वन मंडल अंतर्गतसभी क्षेत्रों में वन्यजीवों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु तत्परता से कार्य कर रहा है। डीएफओ शमा फारूकी ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि पाली वन मंडल में वन्य जीवों के शिकार, मौत और दुर्घटना को रोकने के लिए ,उनके सुरक्षित रहवास,पानी और चारे की व्यवस्था के लिए स्थलो को चिन्हाकित कर उचित व्यवस्था किया जा रहा है। इनकी गतिविधियों वाले क्षेत्रों सहित वन्य जीव, वन संपदा को सुरक्षित रखने के लिए लगातार सर्चिंग भी किया जा रहा है। इसके अलावा कुछ बड़े कार्य योजनाओं के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। बजट मिलते ही इन कार्यों को अमलीजामा पहनाया जाएगा ।वन सुरक्षा समिति ,ग्राम वन प्रबन्धन जैसी समितियो को सशक्त करने,इन्हें आत्मनिर्भर बनाने आर्थिक गतिविधियों में भागीदारी बनाने के लिए भी प्रयास किया जा रहा है।