
सीपत :— प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सीपत की आपातकालीन जीवनरक्षक सेवा संजीवनी 108 एंबुलेंस बीते एक महीने से खराब पड़ी है, जिससे क्षेत्र के मरीजों को समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है। विशेषकर रात में या गंभीर स्थिति में जब तत्काल एंबुलेंस की जरूरत होती है, तब मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विकल्प के रूप में दूसरी एंबुलेंस मंगाई जाती है, लेकिन वह भी समय पर नहीं पहुंच पाती, जिससे कई बार मरीजों की हालत बिगड़ जाती है। स्वास्थ्य विभाग की यह लापरवाही क्षेत्र की आपात सेवाओं पर सवाल खड़े कर रही है। संजीवनी 108 के खराब होने से दुर्घटना , प्रसव या अन्य गंभीर मामलों में प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है जो या तो समय पर नही मिलते या फिर आर्थिक बोझ बढ़ाते हैं। जानकारी के अनुसार संजीवनी 108 डिवाइडर से टकरा गई थी जिसके चलते यह स्थिति निर्मित हुई। एंबुलेंस जिला मैनेजर नरेंद्रनाथ ने जानकारी देते हुए कहा कि एक सप्ताह के भीतर संजीवनी 108 को फिर से चालू कर दिया जाएगा। हम गंभीर मामलों में अन्य वाहनों की व्यवस्था तत्काल करवा रहे हैं, ताकि मरीजों को राहत मिल सके। हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि तत्काल सुविधा केवल कागजों में है,
ज़मीनी हकीकत इससे उलट है। इस पूरे मामले पर मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर विफल है। 108 जैसी सेवाओं का रुक जाना गंभीर समस्या है। स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। बरसात से पहले किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने की कोई तैयारी नहीं है। आपातकालीन सेवा के नाम पर केवल ढकोसला चल रहा है। आम जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मांग है कि संजीवनी 108 को तत्काल दुरुस्त कर पुनः सेवा में लाया जाए तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे किसी की जान जोखिम में न पड़े।