अधिकारियों की उदासीनता और मिली भगत के चलते अरपा भैंसाझार बैराज पर्यटन केंद्र हुआ तबाह


रतनपुर —- करीब 1142 करोड़ की लागत से बने अरपा भैंसाझार् बैराज परियोजना का मुख्य उद्देश्य 102 ग्राम के 25000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई करना है लेकिन बैराज क्षेत्र को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने पर भी काम हुआ है। योजना के तहत बैराज के आसपास सौंदरीकरण के साथ पर्यटकों को लुभाने के लिए सुविधाये उपलब्ध कराने के दावे किए गए थे लेकिन विभाग के अधिकारी ही योजना में पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। कंचनपुर क्षेत्र में मौजूद बैराज की हालत बद से बदतर होती जा रही है। एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार स्वच्छता अभियान चला रही है। इस पर करोड़ो रुपए खर्च किए जा रहे हैं लेकिन अरपा भैंसा झार बैराज परिक्षेत्र में बने गार्डन में हर तरफ गंदगी पसरी हुई है। यहां वहां बिखरे शराब की बोतल, डिस्पोजल , पाउच बता रहे हैं कि यहां पर्यटन के नाम पर किस तरह से शराब खोरी हो रही है।
यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं लेकिन उस अनुपात में साफ सफाई नहीं हो रही। यहां हर रोज कूड़ा करकट नहीं उठाया जा रहा, जिसके कारण पूरा क्षेत्र बदरंग हो चुका है। इसी वजह से बैराज घूमने आने वाले पर्यटक भी निराश लौट रहे हैं। गार्डन और उसके आसपास भारी भरकम खर्च किया गया लेकिन स्थिति जस की तस है। बैराज पहुंच मार्ग, सड़क के साथ पार्किंग में भी यहां वहां गंदगी पसरी हुई है। बताया जा रहा है की बैराज की जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारी यहां सिर्फ आराम फरमाने आते हैं और उनका रुझान व्यवस्थाओं को लेकर नहीं है। इधर बैराज क्षेत्र के अंदर ही अवैध रूप से चखना दुकान खुल गया है, जिसमें प्रतिबंधित वस्तुएं बेची जा रही है । सूत्रों के अनुसार क्षेत्र के असामाजिक तत्व अपने साथ शराब लेकर यहां पहुंचते हैं, जिन्हें आराम से इस चखना दुकान से सिगरेट, गुटका, पानी, डिस्पोजल, नमकीन आदि उपलब्ध कराया जाता है। शराब पीने के बाद इन्हीं गंदगियों को लोग यहां छोड़ कर चले जाते हैं। अधिकारी भी इससे अवगत है लेकिन उन्हें इससे कोई सरोकार नहीं है।
इनका कहना है ———— जब इस विषय में एसडीओ सी पी साहू से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह दुकान उनके आदेश से नहीं खुला है इसलिए वे इसके जिम्मेदार नहीं है , हालांकि उन्होंने दुकान को हटाने के लिए नोटिस जारी करने की भी बात कही। कुल मिलाकर जो स्थान एक बेहतर पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो सकता है वह जगह अधिकारियों की उदासीनता के कारण बर्बाद हो रहा है। और यह केवल नशेड़ी और शराबखोरो का अड्डा बनकर रह गया है। अब आप ही सोचिए कि यहां वहां बिखरी गंदगी के बीच भला कौन भद्र लोक यह घूमने और सैर सपाटे के लिए पहुंचेंगे।