फेसबुक लाइव क्षमता विकास प्रशिक्षण

समय न्यूज़ लाइव प्रदीप पाण्डेय की रिपोर्ट
समय न्यूज़ लाइव प्रदीप पाण्डेय की रिपोर्ट

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्चना झा ने अभिभावको और बच्चों को दिए टिप्स

 

सीपत,,,,,बोर्ड परीक्षा परिणाम से उत्पन्न तनाव को दूर करने हेतु जिला प्रशासन एवं स्कूल शिक्षा विभाग, बिलासपुर द्वारा चलाए जा रहे फेसबूक लाइव कार्यक्रम दक्षता विकास प्रशिक्षण में आज दिनांक 01 मई 2024 को प्रातः कालिन सत्र में 9:00 बजे श्रीमती अर्चना शा. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के द्वारा बच्चों, पालकों एवं शिक्षकों से सीधा संवाद करते हुए कहा कि बोर्ड परीक्षा का तनाव निःसंदेह बच्चों को गलत दिशा में ले जा रहा है। परीक्षा का तनाव व्यर्थ की चिंता है, क्योंकि परीक्षा में उत्तर लिखने का कार्य हमारा है किंतु परिणाम हमारे हाथ में नहीं है, अतः अनावश्यक चिंता नहीं करनी चाहिए। श्रीमती अर्चना झा ने अपना निजी अनुभव शेयर किया कि यदि शिक्षक के काम को हम कर लें, तो एक्जामनर क्या करेगा। स्कूलिंग और परीक्षा के प्रमुख घटक बालक, पालक और शिक्षक है। बच्चों को तनावग्रस्त करने में पालकों की भी भुमिका है क्योंकि पालक बच्चे के परीक्षा परिणाम को अपना स्टेटस सिंबल मान लेते हैं। बहुत से पालक जो वो नहीं बन पाये थे, वे अपने बच्चों को बनाना चाहते हैं। पालकों को इन सब से बचना चाहिए। शिक्षकों और पालकों को अपने बच्चों को बचपन से ही समझाना चाहिए कि कोई भी परीक्षा या परिणाम जीवन का अंतिम सत्य नहीं है। साथ ही उन्होंने बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यदि परीक्षा परिणाम आपके अनुरूप न हो तो अगले वर्ष साल के प्रारंभ से आप नियमित रूप से पढ़ाई करें सफलता निश्चित आपकी कदम चुनेगी।संध्या के सत्र में बिलासपुर के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ. आशुतोष तिवारी बच्चों से फेसबुक लाइव से जुड़े उन्होने बताया कि दोस्तों से दूर, अकेलापन महसूस करना, बच्चे में चिढचिड़ापन सहन शक्ति में कमी, निंद में कमी, भूख न लगना बच्चों में तनाय के प्रमुख लक्षण है। ऐसी स्थिति में बच्चा अपने पालकों भाइयों, बहनों और शिक्षकों से खुल कर चर्चा करें।बच्चे में खुद एवं पालकों का एक्सपेक्टेशन तनाव का सबसे प्रमुख कारण है। बच्चा जो बनना चाहता है, यदि उसमें असफलता मिलती है तो बच्चे हताश होकर आत्महत्या तक कर लेते हैं। कोई बच्चा यदि गंभीर तनावग्रस्त है जैसे एकदम चुप रहता है, बात करते समय आंखे नहीं मिला रहा, उसे भुख एवं नींद नही लगती और यह अपने करीबी दोस्तो से अपने जीवन में बेकार होने जैसी बातें करता है तो यह तनाव का अत्यंत गंभीर लक्षण है। ऐसे बच्चे कभी भी आत्महत्या जैसे घातक कदम उठा सकते है। पालकों को तत्काल मनोचिकित्सक से काउंसलिंग करनी चाहिए और बच्चों के ध्यान को बाटना पड़ेगा और उसके ध्यान में सकारात्मक विचारधारा भरनी होगी।
परीक्षा या अन्य किसी भी कारण से तनाव होने पर डॉ. आशुतोष तिवारी ने तनाव प्रबंधन के उपाय बताए जैसे स्ट्रेस मनेजमेंट अकेले न रहकर दोस्तो और परीवार के बीच समय व्यतित करें, योगाभ्यास, ध्यान मुद्रा में बैठकर थोड़े-थोड़े अंतराल में गहरी सांस लेना, सोशल साइट्स और मोबाइन से दूर रहना, खाने के बाद टहलना, लाइट म्युजिक सुनना और कम से कम छः से सात घंटे की नींद लेना।कल दिनांक 2 मई 2024 को प्रातः 9:00 बजे डॉ रश्मि द्विवेदी, काउंसलर डी.पी.एस. स्कूल बिलासपुर एवं सायं 5:00 बजे डॉ. ज्योति पटेल, एस.डी.एम. तखतपुर जिला प्रशासन के फेसबूक पेज BILASPUR DISTRICT पर लाइव रहेगें।

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