10वीं एवं 12वीं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं का कलेक्टर ने किया सम्मान

कोंडागांव से दीपक ठाकुर की रिपोर्ट
कोंडागांव से दीपक ठाकुर की रिपोर्ट

जिले में 10वीं में 81.08 प्रतिशत एवं 12वीं में 80.75 प्रतिशत बच्चे हुए उत्तीर्ण

कोंडागांव,:—छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा 10वीं एवं 12वीं कक्षा के जारी परिणामों में जिले के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं का कलेक्टर कुणाल दुदावत द्वारा शुक्रवार को सम्मान किया गया। उल्लेखनीय है कि कोण्डागांव में 10वीं कक्षा में 81.08 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए है, जिनमें 77.99 प्रतिशत बालक एवं 83.69 प्रतिशत बालिकाएं उत्तीर्ण हुई हैं। वहीं कक्षा 12वीं में जिले के 80.75 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुएं है जिनमें 79.18 प्रतिशत बालक एवं 81.96 प्रतिशत बालिकाएं उत्तीर्ण हुई हैं।
इस अवसर पर कलेक्टर ने बच्चों से मुलाकात कर उनका प्रोत्साहन किया और सभी बच्चों एवं उनके परिजनों को संबोंधित करते हुए कहा कि परीक्षा जीवन का एक पड़ाव है न की उसका अंतिम लक्ष्य हमें निरंतर मेहनत करते हुए उत्कृष्टता की ओर बढ़ना चाहिए। उन्होंने ऐसे बच्चें जो या तो प्राविण्य सूची में स्थान न बना सके या किसी कारणवश परीक्षा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके उनके लिए संदेश देते हुए कहा कि वे स्वयं किसी कक्षा में प्राविण्य सूची में नहीं रहे परंतु जब उन्होंने अपने जीवन में कुछ करने की सोची और मेहनत की तो वे हर परीक्षा में उत्तीर्ण होते गये और आज पूरे जिले के जिलाधिकारी के रूप में कार्य कर रहे है। बच्चों को भी अपने परिणामों से हतोत्साहित नहीं होना चाहिए जीवन में परिश्रम के बल पर हर मंजिल को पाया जा सकता है, क्योंकि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है।
*जिले में बच्चों के मार्गदर्शन हेतु तीन दिवसीय शिविर का होगा आयोजन*
कलेक्टर ने बताया कि जिले के बच्चों को 12वीं के बाद कैरियर के चुनाव एवं कैरियर प्रबंधन तथा 10वीं के बच्चों के लिए विषय चुनाव हेतु जिले में तीन दिवसीय कैरियर मार्गदर्शन शिविर का आयोजन किया जायेगा साथ ही 10वीं के बच्चों को विषय चुनाव हेतु सहयोग के लिए जिला प्रशासन द्वारा सहयोग किया जायेगा। यह शिविर जिला मुख्यालय के साथ विकासखण्ड स्तर पर भी आयोजित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त कैरियर मार्गदर्शन एवं परीक्षा परिणामों के उपरांत तनाव से गुजर रहे बच्चों के लिए हेल्पलाइन नम्बर जारी किया जायेगा। जिसके माध्यम से बच्चे काउंसलर के द्वारा तनाव प्रबंधन के साथ कैरियर मार्गदर्शन पर सलाह भी प्राप्त कर सकते है।
*मंगलेश सीएस तो सलेहा पारेख बनना चाहती हैं सीए*
12वीं कक्षा में जिले में प्रथम स्थान पर आने वाले शासकीय आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय फरसगांव के मंगलेश सलाम ने बताया कि उनके पिता एक कृषक है और उसे बचपन से ही पढ़ने में रूचि थी। इसमें विद्यालय के शिक्षकों का भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ जिससे वह 12वीं में 94.60 प्रतिशत ला पाए। मंगलेश ने बताया कि वह आगे जीवन में सीएस (कम्पनी सेक्रेटरी) बनना चाहते है। वहीं 10वीं कक्षा में 96.17 प्रतिशत लाकर जिले में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली केशकाल की सलेहा पारेख ने बताया कि पढ़ाई में स्कूल के शिक्षकों के साथ परिजनों का उन्हें पूरा सहयोग मिला जिससे वे अपनी पढ़ाई अच्छे से कर सकीं। सलेहा ने बताया कि वे आगे कामर्स विषय लेकर चार्टड एकाउंटेंट बनना चाहती है।
*एक ही स्कूल के पांच विद्यार्थी प्राविण्य सूची में रहे शामिल*
जिले के विकासखण्ड फरसगांव अंतर्गत आने वाली शासकीय आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय फरसगांव में जिले की 12वीं कक्षा की प्राविण्यता सूची में पांच विद्यार्थी शामिल हुए। इस संबंध में स्कूल के प्राचार्य बीके अठभैया ने हर्ष जाहिर करते हुए बताया कि उनके विद्यालय से 12वीं कक्षा में पांच बच्चों ने टॉप टेन में जगह बनाई है। जिसमें प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले मंगलेश सलाम के साथ तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले मनीष कुमार कावड़े, पांचवा स्थान प्राप्त करने वाले जैनेन्द्र बिसेन, षष्टम स्थान वाले कमलेश, दसवें स्थान वाले अमरनाथ नेताम शामिल है। उन्होंने आगे बताया कि स्कूल के सभी शिक्षक बच्चों की उपलब्धि पर बहुत खुश हैं। टॉप टेन में आने वाले पांचों बच्चे लघु कृषक परिवारों से संबंध रखते है एवं इनमें चार कॉमर्स एवं एक जीव विज्ञान के विद्यार्थी है।
*गिरोला के लाकेश एवं उरंदाबेड़ा की रिंकी शार्दुल ने विषम परिस्थितियों को मात देकर प्राविण्य सूची में बनाया स्थान*
गिरोला के मजदूर परिवार से संबंध रखने वाले लाकेश दीवान ने 94.33 10वीं की प्राविण्यता सूची में चौथा स्थान प्राप्त किया है। लाकेश के पिता महेन्द्र कुमार ने बताया कि वे मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं जब उन्हें लाकेश के जिले में चतुर्थ स्थान प्राप्त करने की जानकारी प्राप्त हुई तो उन्हें बहुत खुशी हुई उन्होंने बताया कि लाकेश स्वयं पढ़ने में रूची रखता है और हमारे गांव के शिक्षकों ने भी लाकेश का बहुत सहयोग किया है। जिसके लिए मैं उनका आभारी हूं। उरंदाबेड़ा की रिंकी शार्दुल ने बताया कि उनके पिता गांव में राज मिस्त्री का कार्य करते हैं। जहां उन्होंने अपनी अच्छी आय न होने के उपरांत भी उसकी अच्छी शिक्षा हेतु उन्हें केशकाल पढ़ने भेजा जहां शिक्षकों सहयोग से वे अच्छे से पढ़ पायी और प्राविण्यता सूची में स्थान बना पायीं। रिंकी ने बताया कि वे आगे चलकर आईएएस बनकर लोगों की सेवा करना चाहती है।

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