जिले की 2 शिक्षिकाओं को मिला राज्यपाल पुरस्कार

नारायणपुर से संतोष नाग की रिपोर्ट
नारायणपुर से संतोष नाग की रिपोर्ट

नारायणपुर;–;; शिक्षक दिवस के अवसर पर जिले के बालक बुनियादी आदर्श विद्यालय गरांजी की शिक्षिका श्रीमती लता मानिकपुरी और शासकीय उच्चतर प्राथमिक शाला मुरियापारा की शिक्षिका श्रीमती कविता हिरवानी को राज्यपाल रमेन डेका ने राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किया।श्रीमती लता मानिकपुरी वर्तमान में व्याख्याता एल. बी. कामर्स के पद पर कार्यरत हैं। वे छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए अपने कर्त्तव्यों के साथ समर्पित हैं। छात्रों को स्कूल एवं पढ़ाई के प्रति जोड़े रखने के लिए घरेलू सामानों के साथ पढ़ाई को केन्द्रित करती हैं।

बच्चों को विषय से संबंधित अच्छी समझ देने के लिए अपनी अध्यापन शैली में पोस्टर, चित्र, मॉडल के साथ स्मार्ट क्लास उपचारात्मक शिक्षण का उपयोग करती हैं। बच्चों को विद्यालयीन शिक्षा के साथ जीविकापार्जन हेतु प्रत्येक शनिवार एवं सप्तम कालखंड में व्यावहारिक ज्ञान एवं व्यावसायिक शिक्षा उनके द्वारा प्रदान की जाती हैं। इसके अतिरिक्त समाजोपयोगी कार्य जैसे पर्यावरण संरक्षण, बागवानी, योग, जल संरक्षण पर गतिविधियां करवाई जाती हैं। समय-समय पर स्वच्छता अभियान अंतर्गत शाला परिसर की साफ-सफाई करवाई जाती हैं। बच्चों की पढ़ाई के प्रति इनका समर्पण भाव है, इनके पढ़ाये गये विषयों का परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत रहता हैं। शिक्षा कर्मी वर्ग 2 के पद पर पदस्थापना के दौरान माध्यमिक कक्षा में कॉमिक्स ग्राफिक्स के द्वारा कक्षा संचालित हेतु उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सम्मानित व पुरस्कृत किया गया। इन्हें सामाजिक स्तर पर महिलाओं को जागरूक करते हुए संवैधानिक अधिकारों से अवगत कराने पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस में सम्मानित किया गया है।

स्थानीय स्तर पर भी इनके अच्छे शैक्षिक एवं सामाजिक कार्यों के लिए पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया है।
श्रीमती कविता हिरवानी वर्तमान में शिक्षक के पद पर कार्यरत है। छात्र-छाओं को स्कूल से नियमित जोड़े रखने एवं शिक्षा को रोचक बनाने हेतु उनके द्वारा नवाचार व टी. एल. एम. के माध्यम से नवीन शिक्षण विधि का उपयोग कर खेल-खेल में शिक्षा दी जाती है। वे छात्र-छात्राओं के बीच विभिन्न आयोजन कर उन्हें प्रोत्साहित करती है। बच्चों को विद्यालयीन शिक्षा के साथ-साथ जीविकोपार्जन एवं व्यवहारिक ज्ञान भी देने की पहल उनके द्वारा की जाती है। अभिव्यक्ति प्रदर्शन का अवसर प्रदान कर कौशल विकास के बारे में बताया जाता है। शिक्षण के अतिरिक्त बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण में ले जाकर बाह्य वातावरण से भी अवगत कराया जाता है, तथा भ्रमण के दौरान उन्हें ज्ञानवर्धक बातें बतायी जाती है। ये पढ़ाई में कमजोर बच्चों को अतिरिक्त समय देकर उन्हें भी होशियार बच्चों के समकक्ष लाने का प्रयास करती हैं। वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण समारोह अंतर्गत शिक्षा दूत सम्मान से सम्मानित किया गया। अरविंदों सोसायटी एवं एच.डी.एफ.सी. द्वारा आयोजित नेशनल लेवल ऑन लाईन ई-प्रदर्शनी कार्यक्रम में नारायणपुर जिले का इनके नेतृत्व में अपना नवाचार साझा किया गया । National Conference on “Whole School Development: Synergizing Leadership across School Ecosyte” के अंतर्गत National Center for School Leadership, NIEPA द्वारा नई दिल्ली में आयोजित 03 दिवसीय कार्यशाला हेतु चयनित हुई। इसके अतिरिक्त विभाग एवं प्रशासन द्वारा इनके अच्छे कार्यों के समय-समय प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है। स्कूली छात्र-छात्राओं को पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ व्यवहारिक एवं जीविकापार्जन का ज्ञान देने की वे पक्षधर हैं। इसके अतिरिक्त उनका मानना है कि ग्रामीण परिवेश के बच्चों को उनकी बौध्दिक योग्यता एवं सीखने की क्षमता के अनुरूप अध्यापन कराया जाना चाहिए, इसके लिए नियमित रूप से प्रयास करती हैं।

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