उम्र एक संख्या है तथा स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है रंजीत पवार


कोटा के आयरन मैन 58 वर्ष के डॉक्टर रंजीत सिंह पवार ने हर वर्ष की भांति मां दुर्गा की साधना में 9 दिन का उपवास रखने के पश्चात कोटा से लोरमी तक खाली पैर 35 किलोमीटर दौड़कर माता काली के दर्शन किए।
डॉ रंजीत सिंह पवार शिक्षक हैं ,जो अपने विद्यार्थियों एवं जान पहचान के लोगों में अपनी मेहनत तथा मनोबल के लिए पहचाने जाते हैं। इनका नारा है “उम्र एक संख्या है तथा स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है “कड़ी मेहनत ही सबसे बड़ी साधना है ,का संदेश देने वाले पवार जी समाज सेवा में भी अपना योगदान देते हैं l