एसईसीएल में स्वच्छ भारत दिवस के साथ स्वच्छता ही सेवा अभियान का हुआ समापन!

बिलासपुर से अमित पाटले की रिपोर्ट
बिलासपुर से अमित पाटले की रिपोर्ट

बिलासपुर:—स्वच्छता अभियान के दौरान 90 मीट्रिक टन से अधिक कचरा एकत्रित कर निपटान किया गया, “एक पेड़ मां के नाम” के तहत 4000 से अधिक पौधे लगाए गए,
सफाई मित्र सम्मान, स्वच्छता रन, नदी सफाई अभियान ने स्वच्छता की भावना को जन-जन तक पहुँचाया
एसईसीएल ने 2 अक्टूबर 2024 को महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर स्वच्छ भारत दिवस के साथ स्वच्छता ही सेवा अभियान का सफल समापन किया। यह अभियान 14 सितंबर से 2 अक्टूबर तक छत्तीसगढ़ के 8 जिलों और मध्य प्रदेश के 3 जिलों में चलाया गया, जिसने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वच्छता के संदेश को कोयलांचल में दूर-दूर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अभियान के मुख्य आकर्षण:
नदी किनारों, धरोहर और तीर्थ स्थलों पर व्यापक स्वच्छता अभियान:
“सम्पूर्ण स्वच्छता” के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए एसईसीएल ने नदी किनारों, स्थानीय धरोहर स्थलों, तीर्थ स्थलों और कचरा फेंकने के स्थलों पर विशेष सफाई अभियान चलाए। इन अभियानों में स्थानीय समुदायों की बड़ी भागीदारी देखने को मिली, जिसके परिणामस्वरूप 90 मीट्रिक टन से अधिक कचरा एकत्रित कर उसका उचित निपटान किया गया।
“एक पेड़ मां के नाम” के तहत वृक्षारोपण अभियान:
पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एसईसीएल ने “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत अपने मुख्यालय और सभी संचालन क्षेत्रों में 4000 से अधिक पौधे लगाए, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए पर्यावरण संरक्षण के महत्व को रेखांकित करता है।

सफाई मित्रों के योगदान को मान्यता देते हुए, एसईसीएल ने सफाई मित्र सम्मान समारोह का आयोजन किया, जिसमें उन्हें जूते, दस्ताने और टी-शर्ट जैसी आवश्यक वस्तुएं वितरित की गईं। इसके अलावा, मुफ्त स्वास्थ्य शिविरों का भी आयोजन किया गया, जिसमें 800 से अधिक सफाई मित्रों ने लाभ उठाया, जिसने स्वच्छता सुनिश्चित करने वाले इन अग्रणी कर्मियों की भलाई के लिए एसईसीएल की प्रतिबद्धता को दर्शाया।

1 अक्टूबर 2024 को एसईसीएल ने बिलासपुर शहर में “स्वच्छता हैप्पी रन” का आयोजन किया, जिसमें 100 से अधिक प्रतिभागियों ने, जिनमें महिलाएं और स्कूल के बच्चे शामिल थे, स्वच्छता का संदेश फैलाने के लिए भाग लिया।

इसी तरह की गतिविधियां जैसे रैलियां और वॉकथॉन एसईसीएल के सभी संचालन क्षेत्रों में भी आयोजित की गईं, जिससे स्वच्छता के महत्व पर व्यापक जागरूकता पैदा हुई।

स्कूलों में स्वच्छता जागरूकता पहल:
स्कूल के बच्चों ने स्वच्छता की शिक्षा से जुड़ी कई गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी की, जिसमें “स्वच्छता की पाठशाला,” मानव श्रृंखला का निर्माण, निबंध लेखन, प्रश्नोत्तरी और चित्रकला प्रतियोगिताएं शामिल थीं। इन पहलों ने बच्चों में स्वच्छता के मूल्यों को बढ़ावा दिया।

स्वच्छता ही सेवा अभियान – विशेष अभियान 4.0 का प्रारम्भिक चरण:
“स्वच्छता ही सेवा” अभियान, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के विशेष अभियान 4.0 का प्रारंभिक चरण था, जिसका उद्देश्य सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता को बढ़ावा देना और लंबित मामलों और शिकायतों का समाधान करना है।

विशेष अभियान 4.0 के तहत एसईसीएल ने 2200 मीट्रिक टन से अधिक स्क्रैप के निपटान और 30 लाख वर्ग फुट से अधिक स्थान खाली करने का लक्ष्य रखा है।

अभियान का अगला चरण, जो कार्यान्वयन पर केंद्रित है, 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2024 तक चलेगा, जिसमें एसईसीएल स्वच्छ भारत मिशन के व्यापक लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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