कलेक्टर ने उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम को सफल बनाने दिए निर्देश

समय न्यूज़ लाइव प्रदीप पाण्डेय की रिपोर्ट
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अधिकारियों को दिलाई शपथ, सौंपी जिम्मेदारी 

सीपत,,,, उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम को सफल बनाने अधिकारियों की आज समय सीमा के बाद कलेक्टर अवनीश शरण ने बैठक ली। उन्होंने विभागों के समन्वय से उल्लास साक्षरता केंद्र में असाक्षरों को बुनियादी साक्षरता एवं अंक ज्ञान, कौशल विकास, बुनियादी शिक्षा, सतत शिक्षा, सहित अन्य उद्देशों की प्राप्ति के लिए सभी विभाग प्रमुखों को इस कार्यक्रम से जुड़ कर कार्य करने कहा। साथ ही इसके प्रचार-प्रसार के लिये अपने संचालित योजनाओं के साथ प्रयास करने भी कहा। बैठक में नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार, सीईओ जिला पंचायत आरपी चौहान, सहायक कलेक्टर तन्मय खन्ना सहित सभी विभागीय अधिकारी, जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण कार्यालय से जिला परियोजना अधिकारी जितेन्द्र कुमार पाटले, रमेश गोपाल, श्रीमती आशा उज्जैनी, शिवनाथ यादव उपस्थित थे।
कलेक्टर ने कहा कि बैनर और पोस्टर सार्वजनिक स्थलों पर लगाने से लोगों को साक्षरता कार्यक्रम के बारे में जानकारी मिलेगी। दीवार नारा लेखनः सार्वजनिक स्थलों पर दीवारों पर नारे लिखने से लोगों को साक्षरता के महत्व के बारे में जानकारी मिलेगी। रैली आयोजित करने से लोगों को साक्षरता कार्यक्रम के बारे में जानकारी मिलेगी और उन्हें प्रेरित किया जा सकेगा। उन्होंने जिला स्तर के सर्व विभाग प्रमुख अधिकारियों को उल्लास शपथ दिलाई।
बैठक में बताया गया कि जिले को तीस हजार असाक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ। कलेक्टर ने सभी विभागों को जिम्मेदारी सौंपी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रौढ़ शिक्षा एवं जीवन पर्यन्त शिक्षा प्रमुखता से शामिल दृ विदित हो कि राष्ट्रिय शिक्षा निति 2020 में इस कार्यक्रम को शामिल किया गया है पूर्व के प्रौढ़ शिक्षा का नाम अब ‘सबके के लिए शिक्षा‘ (एजुकेशन फॉर ऑल), उल्लास का तात्पर्य अंडरस्टैण्डिंग ऑफ लाईफलॉग लर्निंग फॉर ऑल इन सोसायटी (समाज में सभी के लिए सीखने की समझ)। उल्लास नवभारत कार्यक्रम के अंतर्गत 15 वर्ष से अधिक उम्र के असाक्षरों को शामिल किया गया है जिन्हें स्वयं सेवी शिक्षको द्वारा इस योजना के पांच घटकों के विषय में असाक्षरों को पढ़ाया जायगा। यह स्वयंसेवी शिक्षण पर आधारित है। मानदेय का प्रावधान नहीं है इस योजना में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री हैं। जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण की कार्यकारी के अध्यक्ष कलेक्टर है।
शहरी क्षेत्रों में नगरीय निकाय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जाना है। बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान आंकलन परीक्षा द्वारा देशव्यापी परीक्षा वर्ष में दो बार सितम्बर व मार्च मे आयोजित किया जायगा, जिसमे उत्तीर्ण असाक्षरों को एनआईओएस द्वारा प्रमाणपत्र प्रदान किया जावेगा। इस कार्यक्रम के तहत देश को 2030 तक शत प्रतिशत साक्षर किए जाने का लक्ष्य है। बिलासपुर जिले में उल्लास पोर्टल में लक्ष्य के सापेक्ष 107 प्रतिशत शिक्षार्थी एवं स्वयंसेवी शिक्षकों की एण्ट्री पूर्ण हो चुकी है स्वयं सेवी शिक्षकों के रूप में कॉलेज, स्कूल, युवा, महिला, बीएड, डीएड के विद्यार्थी एवं अन्य शिक्षित व्यक्ति सभी स्वयंसेवी शिक्षक हो सकते हैं। यदि 10 वीं व 12 वीं के विद्यार्थी यदि 10 शिक्षार्थी को साक्षर बनाते हैं तो उन्हें 10 अंक बोनस के प्राप्त होंगे।

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