महामाया मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सतीश शर्मा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय हाईकोर्ट ने अगले सप्ताह पूरे दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने का दिया आदेश

ट्रस्ट में भूचाल ,उपाध्यक्ष सतीश शर्मा बने महामाया मन्दिर के मुख्य पुजारी?

रतनपुर। ——–रतनपुर के महामाया कुंड में 23 कछुओ की मौत के मामले में आरोपी बनाए गए महामाया मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सतीश शर्मा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। इस मामले में वन विभाग और नगर पालिका द्वारा शपथ पत्र की मांग करते हुए सुनवाई एक सप्ताह के लिए आगे बढ़ते गई है।

आपको ज्ञात होगा कि रतनपुर में चैत्र नवरात्रि से पहले कुंड की सफाई के नाम पर ठेकेदार आनंद जायसवाल के मछुआरे अरुण धीवर और विष्णु धीवर द्वारा कुंड में मछलियों का शिकार किया गया था। आरोप है कि गार्ड को गेट खोलने का आदेश महामाया मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सतीश शर्मा ने दिया था, इसलिए 23 संरक्षित कछुओ की मौत के बाद वन विभाग ने उपाध्यक्ष सतीश शर्मा, ठेकेदार आनंद जायसवाल , गजेंद्र तिवारी और मछुआरे अरुण एवं विष्णु धीवर को आरोपी बनाया है। इस मामले में ट्रायल कोर्ट से अग्रिम जमानत की याचिका खारिज होने के बाद सतीश शर्मा ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई है, जिस पर बुधवार को सुनवाई हुई ।
इस मामले में माननीय न्यायालय ने यह सवाल किया कि केवल उपाध्यक्ष को ही आरोपी क्यों बनाया गया है। इस मामले में ट्रस्ट की भूमिका पर भी सवाल किए गए।

पालिका ने दी जानकारी——-/

तो वही न्यायालय को यह जानकारी दी गई कि रतनपुर में स्थित सभी तालाब रतनपुर नगर पालिका परिषद के अंतर्गत है, इसमें से महामाया कुंड की देखरेख की जिम्मेदारी धार्मिक आधार पर महामाया मंदिर ट्रस्ट को दी गई है, जहां 23 कछुओ की मौत की घटना के बाद वन विभाग के डीएफओ द्वारा एफआईआर कराई गई है,तो वहीं नगर पालिका के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने भी पुलिस में एफआईआर लिखने के लिए आवेदन दिया है ।

सतीश शर्मा की ओर से कहा गया——-

आरोपी सतीश शर्मा की ओर से कहा गया कि महामाया कुंड की सफाई का ठेका आनंद जायसवाल को दिया गया है इसलिए घटना वाली रात जब गार्ड ने उनसे गेट खोलने के लिए अनुमति मांगी तो उन्होंने दे दी। इसके अलावा उनकी कोई और भूमिका नहीं है, लेकिन अदालत ने उनकी यह दलील मानने से इनकार कर दिया।

अध्यक्ष आशीष सिंह आरोपी क्यो नही ————–

अदालत ने इस बात पर भी आश्चर्य जाहिर किया कि जब इस पूरी घटना के पीछे ट्रस्ट की भूमिका है तो केवल सतीश शर्मा को ही क्यों आरोपी बनाया गया, उन्होंने ट्रस्ट के अध्यक्ष आशीष सिंह ठाकुर और अन्य पदाधिकारी के संबंध में भी सवाल किया और संबंधित विभागों को शपथ पत्र एवं पूरे दस्तावेजों के साथ अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया।

न्याय मंच लगातार न्याय की मांग पर अड़ी——-

इधर रतनपुर में न्याय मंच ने कछुओं की मौत के बाद ट्रस्ट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नगर बंद, पुतला दहन और वन विभाग कार्यालय का घेराव कर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। मंदिर ट्रस्ट को भंग कर स्थानीय लोगों को समिति में शामिल करने की मांग की जा रही है, तो वही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी न्याय मंच द्वारा की जा रही है, जिससे आरोपियों के खिलाफ शिकंजा कसता जा रहा है।

ट्रस्ट में भूचाल —– —- जिस तरह माननीय हाई कोर्ट में सतीश शर्मा के वकील द्वारा बार बार सतीश शर्मा को महामाया मन्दिर का मुख्य पुजारी बताया गया जिससे पूरा मन्दिर ट्रस्ट स्तब्ध है वही रतनपुर में भी चर्चा जोरों पर है कि कब महामाया मन्दिर ट्रस्ट ने अरुण शर्मा की जगह सतीश शर्मा को मुख्य पुजारी बना दिया है।

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