भाजपा सरकार हितग्राहियों को सही समय पर राशन देने पूर्णतः विफल -कांग्रेस
कोंडागांव-
कोंडागांव शहर कांग्रेस मंडल अध्यक्ष नरेन्द्र देवांगन ने सरकार की राशन वितरण प्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि सरकार का चांवल वितरण की व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो साबित हो रही है,चांवल उत्सव के नाम पर भाजपा सरकार प्रदेश की जनता को परेशान करने का काम कर रही है सही समय पर हितग्राहियों को चांवल नही मिल पा रहा है सरकार राशन दुकानों में मशीन की व्यवस्था नही कर सकी है जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है जो सरकार की अदूरदर्शिता को प्रमाणित करता है।देवांगन ने आगे कहा कि चांवल वितरण प्रणाली में बदलाव कर सरकार ने बिना पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित कर ही योजना को थोपने का काम कर रही है जिसके कारण से हितग्राही और दुकानदार दोनों ही परेशान हो रहे है कई बार इंटरनेट के गायब होने से एक हितग्राही को चांवल वितरण करने मे घंटों लग रहा है।चांवल उत्सव के तहत जून, जुलाई और अगस्त महीने का राशन एकमुश्त वितरण करने का सरकार का फैसला हितग्राहियों और दुकानदारों के लिए मुसीबत बन गया है। शहरी क्षेत्रों के राशन दुकानों पर अव्यवस्था का आलम है तो ग्रामीण क्षेत्रों में क्या स्थिति होगी आप अंदाजा लगा सकते हैं हमारे बस्तर अंचल मे आज भी कई गांव ऐसे हैं जहां के रहवासी आज भी नेटवर्क की सुविधा से कोसो दूर हैं ऐसे मे ओटीपी सिस्टम, पुरानी मशीनें, और सर्वर डाउन होने की समस्याओं ने राशन वितरण को अखाड़े में तब्दील कर दिया है। एक हितग्राही को राशन लेने में 40से 45 मिनट का समय लग रहा है।नई मशीन की प्रक्रिया जटिल है जिससे राशन वितरण ठप होने की कगार पर है। कई जगहों पर हितग्राहियों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। एक हितग्राही को चांवल वितरण करने में नई मशीन और 6 बार ओटीपी सिस्टम मुसीबत का कारण बन गया है।राज्य भर में राशन वितरण के लिए उपयोग में लाई जा रही नई मशीनें 6 बार ओटीपी मांग रही है इस बीच टाइम आउट हो जाने से पूरी प्रक्रिया फिर से करना पड़ता है।कोंडागांव जिले के कई इलाकों में भी नेटवर्क की कमी के चलते ओटीपी सिस्टम और भी जटिल हो गया है। कांग्रेस शहर मंडल अध्यक्ष नरेन्द्र देवांगन ने हितग्राहियों और दुकानदारों की सुविधा के लिए सरकार से पुरानी राशन वितरण प्रणाली को बहाल करने की मांग की है। उनका कहना है कि मैनुअल सिस्टम या पुरानी मशीनों से राशन वितरण तेजी से हो सकता है। जब तक नई मशीन की सुविधाएं और पर्याप्त नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध नहीं हो जाती तब तक इसे थोपना गलत है। पुरानी प्रणाली से कम से कम राशन तो समय पर मिल जाता था। जब तक सरकार इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाती, ‘चावल उत्सव’ हितग्राहियों के लिए परेशानी का सबब बना रहेगा।देवांगन ने आगे कहा कि गर्मी मे राशन दुकान पर हालात बद से बदतर हैं। भीषण गर्मी में बुजुर्ग और महिलाएं सबसे ज्यादा परेशान हैं। कई हितग्राहियों, खासकर बुजुर्गों के पास मोबाइल फोन तक नहीं है, जिसके चलते ओटीपी प्राप्त करना उनके लिए संभव नहीं है। हितग्राहियों का कहना है कि एक व्यक्ति को राशन लेने में औसतन 40 से 45 मिनट का समय लग रहा है। नई ई-पॉस मशीनों में छह बार अंगूठा लगाने की प्रक्रिया, बार-बार ओटीपी न आने, और सर्वर डाउन होने की वजह से लोग घंटों कतार में खड़े होने को मजबूर हैं राशन दुकानों पर अव्यवस्था के चलते हितग्राहियों और विक्रेताओं के बीच तनाव बढ़ गया है। कई जगह गाली-गलौज और झड़प की स्थिति बन रही है।सरकार को व्यवस्था बनाने के लिए समुचित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।सरकार अगर जनता के हितों की जरा भी सोंचती है तो विशेषकर बस्तर मे तो इस प्रक्रिया को बंद कर पुराने सिस्टम से काम करें इसी मे विक्रेता और हितग्राहीयों की भलाई है।