आज पूरा देश याद कर कर रहा है कारसेवकों का बलिदान कोण्डागांव के कारसेवकों जिन्होंने अयोध्या में दिया एक माह सेवा, किया श्री राम को नमन

 

कोंडागांव से दीपक ठाकुर की रिपोर्ट
कोंडागांव से दीपक ठाकुर की रिपोर्ट

कोंडागांव :—पूरा देश अयोध्या में श्री राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का जश्न मना रहा है। इस जश्न को मनाने का सौभाग्य उन लाखों कारसेवकों की बदौलत मिला है, जिन्होंने कार सेवा में हिस्सा लिया और उनमें से सैकडों कारसेवकों ने इस कार्य में अपना सर्वोच्च न्योछावर कर दिया। अपने सीने पर गोली झेली परन्तु अपने कर्तब्य पथ से डिगे नहीं । पांच सौ वर्षों के इंतजार और एक लंबे संघर्ष के बाद आज वो पुण्य बेला आई जब भगवान श्री राम अयोध्या में लौट आये हैं। आज भगवान श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के पावन अवसर पूरा देश उन कार सेवकों के प्रति नतमस्तक है, जिन्होंने कार सेवा में हिस्सा लिया और सनातन धर्म की ध्वजा ऊंचा उठाने और अपनी गौरवशाली संस्कृति और परम्परा की पुर्नस्थापना के लिए आहुति दी।

कोण्डागांव जिले से अयोध्या पहुंचकर कार सेवा में शामिल होने वाले व्यक्तियों में कोण्डागांव के पूर्व विधायक स्व. मंगलराम उसेंडी का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। आज मंगलराम उसेंडी हमारे बीच नहीं हैं, परन्तु रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के पुण्य अवसर पर कोंडागांव के लोग श्री राम मंदिर आंदोलन में उनकी भूमिका को याद कर रहे हैं। अक्टूबर 1992 में उनके साथ कार सेवा में जाने वाले उनके साथी अपना नाम न छापने का वादा लेते हुए कहते हैं कि उत्तरप्रदेश की सीमा पर उन्हें पुलिस ने दौड़ा दौड़कर मारा था, किसी प्रकार वो पुलिस को चकमा देकर इलाहाबाद तक पहुंचे लेकिन इलाहाबाद में वो पुलिस की चपेट में आ गये और वहां से उन्हें भागकर वापस लौटना पड़ा और अयोध्या जाने की उनकी इच्छा अधूरी रह गई। वो कहते हैं मंगल राम जी ने तब उनसे कहा था जान भले चली जाये पर मैं भगोड़े की तरह वापस नहीं जाऊंगा और अंततः वो अयोध्या पहुंचे और कार सेवा में हिस्सा लिया।

27 फरवरी 2002 को मंगलराम उसेंडी के पुत्र जसकेतु उसेंडी जो वर्तमान में नगरपालिका परिषद कोंडागांव में उपाध्यक्ष हैं ने अपने पिता का अनुसरण करते हुए अपने दोस्तों के साथ कार सेवा के लिए अयोध्या की यात्रा की। उनके दोस्तों में प्रकाश मरकाम, उमेश साहू, पदमन नागे, प्रदीप भदौरिया, दिनेश ठाकुर शामिल थे। 02 मार्च 2002 को जसकेतु उसेंडी अपने दोस्तों के साथ अयोध्या पहुंचे और 03 अप्रेल 2002 तक अयोध्या के रामसेवकपुरम में रहकर सेवा का कार्य किया। निश्चय ही अयोध्या में आज जो प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न हुआ है,

इस एक पल के लिए देश के कोने कोने से कार सेवकों ने निःस्वार्थ भाव से प्राण हथेली पर रखकर अपने सामर्थ्य के अनुसार अत्यंत विपरीत परिस्थियों में अपना अमूल्य योगदान दिया है। इन कार सेवकों में कोंडागांव के लोगों का शामिल होना निश्चय ही कोण्डागांव की पावन धरा के लिए पुण्य का विषय है। ये हमे आभास देता है कि इस इस यज्ञ में एक आहुति कोंडागांव की भी रही है।

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