
रतनपुर-मझवानी-केंदा-केंवची मार्ग पर सेमरा मोड़ के पास पानी ही पानी, जान जोखिम में डाल पार कर रहे लोग
रतनपुर, बिलासपुर:—
एक ओर केंद्र और राज्य सरकारें करोड़ों खर्च कर गांवों को सड़कों से जोड़ने का दावा कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर एनएच-45 पर हो रहे निर्माण ने विकास को मज़ाक बना दिया है। रतनपुर-मझवानी-केंदा-केंवची मार्ग पर सेमरा मोड़ के पास निर्माणाधीन सड़क के कारण बनाए गए वैकल्पिक मार्ग में 3 से 4 फीट तक पानी भरा हुआ है। हालात ये हैं कि इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है।
❗ ठेकेदार की मनमानी – न पाइप, न निकासी व्यवस्था
निर्माण एजेंसी और ठेकेदार की घोर लापरवाही सामने आई है। नियमों के अनुसार वैकल्पिक मार्ग में जल निकासी के लिए पाइप या पुलिया लगानी होती है, लेकिन यहां सिर्फ मिट्टी डालकर रास्ता बना दिया गया। नतीजा – बारिश आते ही सड़क पर तालाब बन गया!
🚲 पैदल यात्री, स्कूली बच्चे, बाइक सवार सबसे ज्यादा परेशान
इस अस्थायी रास्ते से रोजाना सैकड़ों लोग गुजरते हैं, जिनमें स्कूली बच्चे, बुजुर्ग, किसान, और कामकाजी लोग शामिल हैं। कई बाइक सवार जलजमाव में गिर चुके हैं, तो वहीं स्कूली वाहन भी फंसे नजर आए हैं।
📣 जनता में उबाल – उठी कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोगों में ठेकेदार की लापरवाही को लेकर भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को बार-बार शिकायत देने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही। अब ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।
🛑 सवालों के घेरे में करोड़ों की सड़क
क्या करोड़ों की लागत से बन रही सड़क की गुणवत्ता की जांच होगी?
क्या ठेकेदार पर लापरवाही का मामला दर्ज किया जाएगा?
प्रशासन कब तक आंख मूंदे बैठा रहेगा?
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📌 निष्कर्ष:
रतनपुर क्षेत्र में एनएच-45 का यह निर्माण कार्य जनता के लिए वरदान बनने के बजाय अभिशाप बन गया है। जिस विकास के सपने दिखाए जा रहे थे, वो अब पानी में बहते नजर आ रहे हैं। अब देखना यह है कि जिम्मेदार कब तक चुप रहते हैं, और जनता की परेशानी को कब तक नजरअंदाज किया जाता है।
👉 जनता की एक ही मांग – “सड़क चाहिए, सरोकार नहीं!”