Responsive Menu

Download App from

Download App

Follow us on

Donate Us

आस्था की नगरी रतनपुर को चाहिए हाईटेक बस स्टैंड – जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से विकास अधूरा!”– बघेल

रतनपुर से रवि ठाकुर की रिपोर्ट
रतनपुर से रवि ठाकुर की रिपोर्ट

“रतनपुर की आस्था सड़क पर खड़ी है – हाईटेक बस स्टैंड अब सपना क्यो “

रतनपुर, बिलासपुर:–
छत्तीसगढ़ की पवित्र और ऐतिहासिक नगरी रतनपुर, जहां माँ महामाया के दर्शन को रोजाना हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं, आज भी एक आधुनिक बस स्टैंड से वंचित है। चारों दिशाओं – अम्बिकापुर, कोरबा, पेंड्रा, मरवाही, कोटा, कवर्धा, रायपुर, बिलासपुर और अन्य राज्यों की ओर जाने वाली बसें यहीं से संचालित होती हैं,


लेकिन इसके बावजूद यहां आज तक एक हाईटेक और सुव्यवस्थित बस स्टैंड की व्यवस्था नहीं हो पाई यात्रियों को सुविधाओं के नाम पर केवल धूप, धूल और असुविधा मिलती है।लेकिन इसके बावजूद यहां आज तक एक हाईटेक और सुव्यवस्थित बस स्टैंड की व्यवस्था नहीं हो पाई है।

Advertisement Box

रतनपुर सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि आसपास के सैकड़ों गांवों का आधार है। यहां के ग्रामीण, व्यापारी, छात्र और श्रद्धालु बस सेवा पर निर्भर हैं। लेकिन आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि या प्रशासन ने रतनपुर को उसकी जरूरत के अनुसार एक हाईटेक बस स्टैंड देने की पहल नहीं की।
न छाया है, न बैठने की व्यवस्था। ना ही डिजिटल सूचना बोर्ड, न ही साफ-सफाई या सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम। यात्रियों को खुले आसमान के नीचे घंटों इंतजार करना पड़ता है, जिससे आस्था के साथ उनकी असुविधा और नाराज़गी भी बढ़ती जा रही है।

रतनपुर की आवाज अब बुलंद है

“जब यात्रियों की भीड़ है, तो क्यों नहीं एक आधुनिक बस स्टैंड?”

 

जनता सवाल कर रही है:-

क्या रतनपुर को उसकी धार्मिक गरिमा और परिवहन की ज़रूरतों के मुताबिक सुविधा नहीं मिलनी चाहिए?

अब समय है कि विकास सिर्फ भाषणों तक न रहे

रतनपुर को चाहिए एक पूर्ण सुविधायुक्त हाईटेक बस स्टैंड, ताकि आस्था के साथ-साथ सुविधा भी खड़ी हो सके।

हाईटेक बस स्टैंड की सख्त जरूरत

शिव मोहन बघेल पूर्व भाजपा जिला मंत्री का कहना है कि करोड़ों लोगो की आस्था वाले इस नगर में अब एक आधुनिक, छायादार, डिजिटल सूचना प्रणाली और बेसिक सुविधाओं से युक्त हाईटेक बस स्टैंड की सख्त जरूरत है। लेकिन दुर्भाग्यवश, आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया। रतनपुर को मिले उसकी गरिमा के अनुसार एक हाईटेक बस स्टैंड, ताकि आस्था, सुविधा और विकास साथ-साथ चलें।

सुशासन और विकास की राह पर छत्तीसगढ़ – पंडरिया में उप तहसील, महाविद्यालय, नालंदा परिसर और निःशुल्क बस सेवाओं की घोषणा
आज फोकस में

सुशासन और विकास की राह पर छत्तीसगढ़ – पंडरिया में उप तहसील, महाविद्यालय, नालंदा परिसर और निःशुल्क बस सेवाओं की घोषणा

<span style=आस्था की नगरी रतनपुर को चाहिए हाईटेक बस स्टैंड – जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से विकास अधूरा!”– बघेल">
आज फोकस में

आस्था की नगरी रतनपुर को चाहिए हाईटेक बस स्टैंड – जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से विकास अधूरा!”– बघेल

मां के नाम एक पेड़ अभियान के तहत सीपत में हुआ सामूहिक पौधरोपण, लिया संरक्षण का संकल्प
आज फोकस में

मां के नाम एक पेड़ अभियान के तहत सीपत में हुआ सामूहिक पौधरोपण, लिया संरक्षण का संकल्प

“कोटा के होटलों में रातभर छलकते जाम – शराब माफिया और सिस्टम की सांठगांठ से कानून बन गया मज़ाक!”
आज फोकस में

“कोटा के होटलों में रातभर छलकते जाम – शराब माफिया और सिस्टम की सांठगांठ से कानून बन गया मज़ाक!”

आफत की बारिश ने तोड़े सारे रिश्ते, टूटा नवागांव-तेंदुभाठा का संपर्क –    चापीनाला  बना जलसमाधि!
आज फोकस में

आफत की बारिश ने तोड़े सारे रिश्ते, टूटा नवागांव-तेंदुभाठा का संपर्क – चापीनाला बना जलसमाधि!

नवीन पाठ्यपुस्तक समझ आधारित ऑनलाइन ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षण में जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर का मिला मार्गदर्शन
आज फोकस में

नवीन पाठ्यपुस्तक समझ आधारित ऑनलाइन ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षण में जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर का मिला मार्गदर्शन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एपल प्रमुख टिम कुक से आईफोन का निर्माण भारत में न करने को कहा है। क्या इसका असर देश के स्मार्टफोन उद्योग पर पड़ सकता है?

Advertisement Box
Advertisement Box

और भी पढ़ें

📝 संपादक की जानकारी

संपादक: फिरोज खान

पता: बिलासपुर, छत्तीसगढ़ - 495001

संपर्क नंबर: 📞 98271 37773 📞 97131 37773 📞 98279 60889

ईमेल: firojrn591@gmail.com


वेबसाइट में प्रकाशित खबरों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है समाचार की विषयवस्तु संवाददाता के विवेक पर निर्भर यह एक हिंदी न्यूज़ वेबसाइट है, जिसमें छत्तीसगढ़ सहित देश और दुनिया की खबरें प्रकाशित की जाती हैं। वेबसाइट पर प्रकाशित किसी भी समाचार से संबंधित कानूनी विवाद की स्थिति में केवल बिलासपुर न्यायालय की ही मान्यता होगी।

WhatsApp