भगवान को प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती, मन में दृढ़ संकल्प लेने से मिल जाते है भगवान् : व्यासपीठ पंडित नवीन पाठक

उप संपादक समय न्यूज़ लाइव प्रदीप पांडेय की रिपोर्ट
उप संपादक समय न्यूज़ लाइव प्रदीप पांडेय की रिपोर्ट

श्रीमद् भागवत महापुराण के तृतीय दिवस पंडित नवीन पाठक ने ध्रुव चरित्र, अजामिलोपाख्यान, प्रहलाद चरित्र का किया वर्णन

 

 

श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के व्यासपीठ है वृन्दावन वाले महाराज पंडित नवीन पाठक

 

 

जयरामनगर : जयरामनगर रेलवे स्टेशन के समीप भव्य श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के व्यासपीठ पंडित नवीन पाठक ने तृतीय दिवस की कथा में ध्रुव चरित्र, अजामिलोपाख्यान, प्रहलाद चरित्र का सुन्दर वर्णन किया , पंडित नवीन पाठक ने ध्रुव के चरित्र के बारे में बताते हुए कहा कि भगवान को प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती है ध्रुव ने अपने मन में दृढ़ संकल्प कर लिया था कि मुझे भगवान को प्राप्त करना है और उसी संकल्प को ध्यान में रखते हुए वनवास में तपस्या करते हुए भगवान को प्राप्त किया। पंडित जी के मधुर वाणी से निकले भागवत कथा से श्रद्धालुगण भाव विभोर हो गए

व्यासपीठ पंडित नवीन पाठक ने चर्चा के दौरान कहा कि दिव्य श्रीमद भागवत कथा का आयोजन सम्पूर्ण जयरामनगर के निवासियों द्वारा किया जा रहा है, श्रीमद भागवत कथा के प्रथम दिवस भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया जिसमे श्रद्धालुगण बहुतायत की संख्या में शामिल हुए जिसके उपरांत द्वितीय दिवस कथा में परीक्षित जन्म, सृष्टि उत्पत्ति व सती चरित्र का सुन्दर वर्णन किया गया| पंडित नवीन पाठक ने कहा कि भगवन अपने भक्तो पर हमेशा से कृपा बरसाते ही है मगर भगवान् अपने भक्तो से कहते है कि जिस प्रकार पांड्वो ने मेरी कही हुई बात को एक बार भी नहीं काटा, उन्होंने कहा कि हे भक्त तुम मुझपर बिना किसी संशय के विश्वास करो, कथा में भी पांड्वो ने भगवान् की कही बातो का बिना किसी संशय के विश्वास किया जिसके प्रतिफल उन्हें भगवान् की कृपा प्राप्त हुई|

पंडित नवीन पाठक ने कहा कि भागवत कथा में प्रहलाद चरित्र पुत्र एवं पिता के संबंध को प्रदर्शित करता है और बताता है कि यदि भक्त सच्चा हो तो विपरीत परिस्थितियां भी उसे भगवान की भक्ति से विमुख नहीं कर सकता। भयानक राक्षस प्रवृत्ति के हिरण्यकश्यप जैसे पिता को प्राप्त करने के बावजूद भी प्रहलाद ने अपनी ईश्वर भक्ति नहीं छोड़ी और सच्चे अर्थों में कहा जाए तो प्रहलाद द्वारा अपने पुत्र होने का दायित्व भी निभाया गया। वर्तमान समय में युवा इस रास्ते से भटक रहे हैं। जिन्हें भक्त प्रहदलाल के चरित्र का अनुशरण करना चाहिए।

पंडित नवीन पाठक ने ने कहा कि पुत्र का यह सर्वोपरि दायित्व है कि यदि उसका पिता कुमार्गगामी और दुष्ट प्रवृत्ति का हो तो उसे भी सुमार्ग पर लाने के लिए सदैव प्रयास करने चाहिए। प्रहलाद ने बिना भय के हिरण्यकश्यप के यहां रहते हुए ईश्वर की सत्ता को स्वीकार किया और पिता को भी उसकी ओर आने के लिए प्रेरित किया। किंतु राक्षस प्रवृत्ति के होने के चलते हिरण्यकश्यप प्रहलाद की बात को कभी नहीं माना। ऐसे में भगवान नरसिंह द्वारा उसका संघार हुआ।उसके बाद भी प्रहलाद ने अपने पुत्र धर्म का निर्वहन किया और अपने पिता की सद्गति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

 

श्रीमद भागवत कथा में शामिल हुए कांग्रेस नेता गण

 

 

जयरामनगर रेलवे स्टेशन के समीप भव्य श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के तीसरे दिन अशोक राजवाल सचिव प्रदेश कांग्रेस कमेटी छग एवम विरेंद्र शर्मा पूर्व अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मस्तूरी ने जयराम नगर में शामिल होकर श्री मद्भागवत गीता महापुराण का श्रवण किए|
चतुर्थ दिवस वामन अवतार, श्रीराम जन्मोत्सव, श्री कृष्ण जन्मोत्सव की होगी कथा व्यासपीठ पंडित नवीन पाठक ने चतुर्थ दिवस की कथा में वामन अवतार, श्रीराम जन्मोत्सव, श्री कृष्ण जन्मोत्सव का सुन्दर वर्णन करेंगे|

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