
जहाँ भक्ति में मिलनी चाहिए थी शांति, वहाँ मिली बदबू और गंदगी – महामाया मंदिर परिसर की हालत देख रो पड़े श्रद्धालु
निःशुल्क पार्किंग बना श्रद्धालुओं के लिए सज़ा, ट्रस्ट की अनदेखी से त्रस्त हुए भक्त और दुकानदार
रतनपुर :—-
छत्तीसगढ़ की धार्मिक और ऐतिहासिक नगरी रतनपुर, जहाँ माता महामाया देवी की पावन नगरी में पार्किंग स्थल है, वह आज बदहाली और बदबू से कराह रही है। एक ओर जहाँ देशभर से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए उमड़ते हैं, वहीं मंदिर परिसर में बनी निशुल्क पार्किंग अब श्रद्धा नहीं, शर्म और पीड़ा का प्रतीक बन चुकी है।
मंदिर ट्रस्ट द्वारा भक्तों की सुविधा के लिए बनाई गई इस पार्किंग में 50 से अधिक दुकानें संचालित हैं। यहां से श्रद्धालु प्रसाद खरीदकर माता रानी के दर्शन के लिए निकलते हैं। वहीं पास में पीने के पानी की भी व्यवस्था की गई है, ताकि बाहर से आए यात्रियों को राहत मिल सके। लेकिन विडंबना देखिए – यह स्थल आज गंदगी, कचरे और सड़ांध का अड्डा बन गया है।चारों ओर पसरी है
गंदगी, भक्ति में घुली है बदबू पार्किंग परिसर में कदम रखते ही श्रद्धालुओं का सामना कूड़े के ढेर, बजबजाती नालियों और बदबूदार वातावरण से होता है। बारिश में कीचड़ और गर्मी में बदबू, दोनों ही मिलकर भक्तों की भक्ति को गला घोंटने पर मजबूर कर देते हैं। श्रद्धालु जहां शांति की तलाश में आते हैं, वहां वे नाक ढककर चलने को मजबूर हो जाते हैं।
ट्रस्ट देता है हर महीने हजारों की राशि, फिर भी सफाई नदारद
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि मंदिर ट्रस्ट हर महीने सफाई के नाम पर हज़ारों रुपये एक निजी ठेकेदार को भुगतान करता है। बावजूद इसके सफाई सिर्फ कागजों में होती है, ज़मीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। जिम्मेदार ट्रस्ट पदाधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं, जैसे उन्हें भक्तों की तकलीफ से कोई सरोकार नहीं।
दुकानदार भी त्रस्त, व्यापार चौपट
पार्किंग क्षेत्र में मौजूद दुकानदार भी इन हालातों से बेहद परेशान हैं। एक दुकानदार ने कहा,
“श्रद्धालु आते हैं, लेकिन बदबू के कारण जल्दी भाग जाते हैं। हमारा व्यापार ठप हो गया है। हमने कई बार ट्रस्ट से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।”
श्रद्धालु बोले – ये मंदिर की नहीं, व्यवस्था की बेइज्जती है
एक महिला श्रद्धालु जिनका परिवार झारखंड से माता के दर्शन को आया था, ने कहा –
“हम महामाया मां के दर्शन करने बड़ी श्रद्धा से आए थे। लेकिन पार्किंग में उतरते ही हमें उल्टी जैसा मन हुआ। इतनी गंदगी? क्या यही है धार्मिक स्थल की गरिमा?”
सवालों के घेरे में मंदिर ट्रस्ट की कार्यप्रणाली
यह बेहद शर्मनाक है कि एक विश्वप्रसिद्ध धार्मिक स्थल, जो पूरे प्रदेश की आस्था का केन्द्र है, वहां पर ऐसी लापरवाही और गंदगी फैली हो। माता के नाम पर हर साल लाखों का चढ़ावा आता है, ट्रस्ट के पास संसाधन की कोई कमी नहीं, फिर भी श्रद्धालुओं को मूलभूत साफ-सफाई जैसी ज़रूरी सुविधा तक नहीं मिल पा रही है।
अब ज़रूरत है जवाबदेही की, नहीं तो श्रद्धा होगी शर्मसार
यदि जल्द ही ट्रस्ट और स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देता, तो यह गंदगी न सिर्फ श्रद्धालुओं को दूर करेगी बल्कि रतनपुर और महामाया मंदिर की प्रतिष्ठा को भी गहरी चोट पहुंचाएगी।भक्तों की भक्ति से पहले उन्हें स्वच्छता चाहिए, क्योंकि माँ के द्वार पर आने वाला हर इंसान सम्मान और शुद्धता का हकदार है। यह सिर्फ एक सफाई की बात नहीं – यह श्रद्धा और व्यवस्था की परीक्षा है।