
बुजुर्ग पिता की तन्हा मौत: कुर्सी पर बैठा रहा शव, बदबू आई तो खुला अकेलेपन का राज
रतनपुर/ग्राम पोड़ी:–
जिस समाज में बुजुर्गों को ईश्वर का रूप कहा जाता है, वहीं एक बुजुर्ग की ऐसी दर्दनाक मौत हुई कि इंसानियत भी शर्मसार हो गई। रतनपुर थाना अंतर्गत ग्राम पोड़ी में 70 वर्षीय हरि प्रसाद तिवारी की लाश उनके ही घर में कुर्सी पर बैठी हालत में सड़ती रही। तीन दिन तक किसी ने सुध नहीं ली। जब बदबू उठी, तब जाकर पड़ोसियों को जानकारी हुई और पुलिस को सूचना दिया गया।
हरि प्रसाद तिवारी, पिता स्व. केशव प्रसाद तिवारी, अकेले रहते थे। पत्नी एक माह पहले बेटी के पास चली गई थीं। उनके छह बेटियां हैं, लेकिन किसी के साथ वे नहीं रह पाए।परिवार के लोग पिछले तीन दिनों से हरि प्रसाद को फोन कर रहे थे, लेकिन फोन न उठने पर शंका हुई। आखिरकार एक बेटी ने पड़ोसी को कॉल किया, तब जाकर घर से दुर्गंध आने की बात सामने आई।
पड़ोसियों ने तत्काल दरवाज़ा तोड़ा और अंदर जो देखा, वो दिल दहला देने वाला था — हरि प्रसाद कुर्सी पर मृत अवस्था में थे, शव सड़ चुका था।
प्रथम दृष्टया यह प्राकृतिक मौत मानी जा रही है, लेकिन अंतिम पुष्टि पोस्टमार्टम के बाद ही होगी।
यह घटना न सिर्फ एक मौत की खबर है, बल्कि समाज के लिए एक आईना है ———
जहां रिश्ते हैं, पर साथ नहीं… जहां आवाज़ है, पर सुनने वाला कोई नहीं
बुजुर्ग की इस तन्हा मौत ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। सवाल ये है कि क्या हम अपनों के इतने दूर हो गए हैं कि उनकी मौत की खबर भी बदबू से मिलती है…?