रतनपुर में बन रही आड़ी- तिरछी सड़क को लेकर लोगों ने जताया विरोध ,नाप जोख के बाद भी स्थिति यथावत


रतनपुर ——- रतनपुर में खंडोबा मंदिर से महामाया चौक होते हुए खुटाघाट तक 7.700 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन यह निर्माण विवादों में आ गया है। प्रारंभिक तौर पर 1836.30 लाख की लागत से बन रहे इस सड़क निर्माण का ठेका अनिल बिल्डकॉन को मिला है। लोक निर्माण विभाग की यह सड़क 15 महीने में बननी है लेकिन बार-बार की शिकायतों के बावजूद इस बार भी यह सड़क सर्पिलाकार बन रही है। शिकायत सामने आई है कि इस सड़क को केंद्र से बराबर चौड़ाई में नहीं बनाया जा रहा है। अलग-अलग स्थानो पर इसकी चौड़ाई अलग-अलग है, जिससे सड़क कई स्थानों पर संकरी हो गई है । रतनपुर में बन रहे इस गौरव पथ में रोड डिवाइडर भी बनना है, जाहिर है इससे सड़क की चौड़ाई और कम हो जाएगी, जिससे करोड़ों रुपए खर्चने के बावजूद लोगों को असुविधा ही होगी।
ज़ाहिर है अगर सड़क निर्माण में अब भी लापरवाही बरती गई तो रतनपुर के 15 वार्ड में रहने वाले 25000 से अधिक लोगों को तो तकलीफ होगी ही, तो वही धार्मिक पर्यटन नगरी रतनपुर में आने वाले लोग भी इससे परेशान होंगे। खंडोबा मंदिर से महामाया चौक होते हुए खुटाघाट बाईपास तक लोक निर्माण विभाग के इस सड़क में मुख मार्ग के केंद्र से 40-40 फीट दोनों तरफ निर्माण किया जाना है, लेकिन यह नाप कहीं 35 तो कहीं 37 फीट निकल रही है। कुछ स्थान पर 38 फीट में सड़क निर्माण किया जा रहा है। लोगों के विरोध के बाद एक बार फिर नाप जोख तो किया गया लेकिन अधिकारी लोगों को टालमटोल जवाब देकर चलते बने।
जाहिर है सड़क निर्माण में शुरू से ही लापरवाही बरती जा रही है । आरोप है कि ऐसा कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है, तो वही कई स्थानों पर 40 की बजाय 35 फीट चौड़ी सड़क बनने से जाहिर है ठेकेदार को इसका अनुचित लाभ मिलेगा, और उसके मटेरियल बचेंगे। इसलिए भी ठेकेदार इस तरह के निर्माण को बढ़ावा दे रहा है। तो वही लोक निर्माण विभाग के अधिकारी इस ओर से क्यों आंख मूंदे बैठे हैं इस पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। इस मुद्दे पर नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष कन्हैया यादव ने एसडीएम कोटा से शिकायत की है और लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माणाधीन सड़क को सभी स्थान पर 40 फीट चौड़ा बनाने की मांग की है। लेकिन इस मुद्दे पर मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने जिस तरह से गोल-मोल जवाब दिया, उससे एक ही अनुमान लगाया जा रहा है कि यह सब कुछ मिली भगत के साथ किया जा रहा है। ना तो सड़क सही मापदंड से बनाई जा रही है और ना ही निर्माण कार्य की गुणवत्ता ही पैमानों पर खरी उतर रही है। बरसों बाद रतनपुर में बन रही सड़क से लोगों को बड़ी उम्मीद थी, लेकिन जिस तरह से यहां मनमाने ढंग से सड़क का निर्माण किया जा रहा है उसे इन उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
यहां सिर्फ सड़क ही नहीं बल्कि नालियां भी सर्पीले आकार में बन रही है। अलग-अलग स्थान पर ना सड़क की चौड़ाई अलग-अलग होने से यह स्थिति उत्पन्न हो रही है। हालांकि रतनपुर के जागरूक लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है, लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि क्या इस गड़बड़ी में सुधार होगा भी या नहीं ?