
रतनपुर,
:—-छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा रतनपुर एक बार फिर एक ऐतिहासिक और हृदयस्पर्शी आयोजन की साक्षी बनने जा रही है। मोरध्वज कला मंच रतनपुर द्वारा आयोजित “माता-पिता का सम्मान एवं युवा स्नेह सम्मेलन” एक ऐसा आयोजन है, जो केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सामाजिक संकल्प है — उस पीढ़ी के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करने का, जिनके बलिदानों और संस्कारों से हम खड़े हैं।
मूल्यों की मिट्टी से जुड़ता समाज
वर्तमान भौतिक युग में जहाँ रिश्तों की गरिमा धीरे-धीरे क्षीण होती जा रही है, ऐसे समय में यह आयोजन सामाजिक चेतना की एक उज्जवल लौ की भांति प्रज्वलित हुआ है। यह कार्यक्रम सिर्फ एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि एक आंदोलन है — मूल्य, मर्यादा और मातृत्व-पितृत्व की पुनर्स्थापना का।इस सम्मेलन के माध्यम से बुजुर्ग माता-पिता को उनके योगदान, तपस्या और त्याग के लिए सार्वजनिक मंच से नमन किया जाएगा। साथ ही युवाओं को अपने संस्कारों, संस्कृति और जड़ों से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा
धार्मिक और सांस्कृतिक पावन स्थल पर आयोजन
यह ऐतिहासिक आयोजन 29 जुलाई 2025 को दोपहर 3 बजे से धर्मक्षेत्र महामाया देवी मंदिर परिसर, रतनपुर में आयोजित किया जाएगा — वह भूमि जहाँ आस्था और परंपरा का गहरा जुड़ाव है। इस आयोजन को इस पवित्र स्थल पर आयोजित करना अपने आप में माता-पिता को देवत्व का दर्जा देने जैसा है।
आयोजन की विशेषताएं:
माता-पिता का आंचलिक प्रतीक सम्मान समारोह
युवा स्नेह संवाद कार्यक्रम
“श्री विष्णु महायज्ञ 1944” ग्रंथ का पुनः विमोचन — एक सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने का प्रयास।
मुख्य व विशिष्ट अतिथिगण
कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे — माननीय श्री अटल श्रीवास्तव जी, जबकि मुख्य अतिथि होंगी ब्रह्मकुमारी स्वाति दीदी, जिनकी उपस्थिति आयोजन में अध्यात्म की सुगंध घोल देगी।
साथ ही मंच पर गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराएंगे:
डॉ. लखनलाल धीवर (उपाध्यक्ष, छ.ग. प्रशासन)
अरुण शर्मा, लवकुश कश्यप, बीनू निराला, अनिल त्रिपाठी, दुर्गा प्रसाद कश्यप, हीरालाल गुप्ता, मनीषा तिग्गा सहित अनेक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता।
विशेष रूप से पूर्व महापौर, नगरपालिका अध्यक्ष, पूर्व सैनिक, महिला मंडल, साहित्यकार, युवा प्रतिनिधि और शिक्षाविद भी अपनी उपस्थिति से आयोजन को गौरव प्रदान करेंगे।
मोरध्वज कला मंच का सराहनीय प्रयास
इस पूरे आयोजन के सूत्रधार हैं शिवमाहन बघेल (अध्यक्ष), विनय पांडेय (संयोजक), बलराम पांडेय (उपाध्यक्ष), सुरेश कौशिक (कोषाध्यक्ष), जिनके अथक प्रयासों से यह सामाजिक पर्व संभव हो सका है।
इनकी टीम ने गाँव-गाँव जाकर बुजुर्गों से संपर्क किया, युवाओं को जोड़ा और पूरे नगर को इस आयोजन में सहभागी बनाया। यह आयोजन समर्पण, सेवा और संस्कार का जीवंत उदाहरण बनकर उभरा है।
समाज को एक नई दिशा देता आयोजन
यह सम्मेलन समाज में यह संदेश देता है कि माता-पिता कोई विकल्प नहीं, वे जीवन की जड़ें हैं। यदि हम इन जड़ों को सींचेंगे, तभी समाज की शाखाएं मजबूत होंगी।
इस आयोजन का उद्देश्य सिर्फ सम्मान देना नहीं, बल्कि एक पूरी पीढ़ी को ये याद दिलाना है कि माँ-बाप को “सम्भालना” कोई बोझ नहीं, बल्कि सौभाग्य है।
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“जिनके सिर पर माँ-बाप का हाथ होता है, उनकी ज़िन्दगी में कभी कोई रात नहीं होती” — इस भावना को जीवंत करता है यह आयोजन।
📞 संपर्क सूत्र: 6266482819, 9893934628
स्थान: धर्मक्षेत्र महामाया देवी मंदिर परिसर, रतनपुर
तिथि व समय: 29 जुलाई 2025 | दोपहर 3 बजे से