
रतनपुर (बिलासपुर):—
जहां लोग अपनी गाढ़ी कमाई को सुरक्षित भविष्य के लिए डाकघर में जमा करते हैं, वहीं रतनपुर क्षेत्र में यही भरोसा अब उन्हें ठग रहा है। पोस्ट ऑफिस एजेंटों की मनमानी और गैरजिम्मेदाराना हरकतों से आम जनता का विश्वास डगमगाने लगा है।लोगों का कहना है कि वे हर महीने ईमानदारी से अपनी बचत राशि एजेंटों को सौंपते हैं, यह मानकर कि वह पैसा डाकघर में जमा हो रहा है। लेकिन जब पासबुक अपडेट करवाई गई, तो हकीकत सामने आ गई—किसी का दो साल का पैसा सिर्फ दो महीने ही जमा मिला तो किसी के हजारों रुपये का कोई अता-पता नहीं।सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह सब एक दिन में नहीं हुआ। महीनों से एजेंट पैसा वसूल रहे हैं लेकिन पोस्ट ऑफिस में जमा नहीं कर रहे। इतना ही नहीं—यह कहना गलत नहीं होगा कि डाकघर के अधिकारियों को इन गड़बड़ियों की जानकारीनही है, लेकिन फिर भी वे आंख मूंदे बैठे हैं। शिकायतें न होने का बहाना बनाकर वे जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।
एजेंट अधिकतर स्थानीय हैं, जिससे लोग सामाजिक दबाव और बदनामी के डर से न तो थाने जा पा रहे हैं, न ही खुलकर पोस्ट ऑफिस में शिकायत कर पा रहे हैं। इसी चुप्पी का फायदा एजेंट उठा रहे हैं और अधिकारी भी मौन सहमति की मुद्रा में नजर आ रहे हैं।
यह न सिर्फ आर्थिक शोषण है, बल्कि एक पूरे संस्थान की साख पर सवाल है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो रतनपुर जैसे कस्बों में लोगों का डाकघर से भरोसा उठ जाएगा, जो कि दशकों से लोगों की बचत और सुरक्षा का प्रतीक रहा है।
प्रशासन और डाक विभाग से मांग है कि इन एजेंटों के खिलाफ तत्काल जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए, और जिन लोगों की राशि जमा नहीं हुई है, उन्हें न्याय दिलाया जाए।
अगर जांच हुई तो बड़ा खुलासा हो सकता है ———
इस मामले की जांच सही तरीके से अगर हो जाती है तो रतनपुर सहित आसपास के अंचलों में सैकड़ो ग्राहक ऐसे है जिनके द्वारा हर महीने पैसे जमा तो की गई है लेकिन किसी का दो साल से जमा नही हुआ है तो किसी का पूरा ही जमा नही हुआ है ऐसे में जांच में लाखों रुपये की वारा न्यारा की बात सामने आ सकती है ।