
मां महामाया के मार्ग पर फिर बह रही गंदगी: नाली निर्माण पर उठे सवाल, नगरपालिका अध्यक्ष ने दिए जांच के निर्देश
रतनपुर, :—
छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक और पौराणिक नगरी रतनपुर, जो मां महामाया की उपस्थिति से दिव्यता से ओतप्रोत रहती है, वहां श्रद्धा के रास्ते पर एक बार फिर से गंदगी और अव्यवस्था का साया मंडरा रहा है।महामाया मंदिर मार्ग, जो प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं के पदचापों से पवित्र होता है, उसी मार्ग पर गंदे पानी की निकासी को लेकर नगरवासियों की चिंता एक बार फिर सामने आई है। 12 लाख 50 हजार रुपये की लागत से बन रही लगभग 500 मीटर लंबी नाली को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं।पुरानी नाली जर्जर, संकरी और टूटी हुई थी,
जिससे गंदा पानी सड़क पर बहता था और श्रद्धालुओं को बदबूदार जल से होकर मंदिर जाना पड़ता था। इस विकराल समस्या को देखते हुए नगरपालिका ने नाली निर्माण का कार्य शुरू करवाया, जिससे लोगों को उम्मीद थी कि अब उन्हें दुर्गंध और गंदगी से मुक्ति मिलेगी।लेकिन अब स्थानीय नागरिकों और वार्डवासियों ने आशंका जताई है कि निर्माण की दिशा और गुणवत्ता संदेह के घेरे में है। देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि नई नाली भी उसी दिशा में पानी को बहा रही है, जैसे पुरानी नाली में होता था — जिससे नाली निर्माण का उद्देश्य ही विफल हो सकता है।
इस संदर्भ में जब नगरपालिका अध्यक्ष लवकुश कश्यप से संपर्क किया गया, तो उन्होंने तत्काल संज्ञान लेते हुए यह आश्वासन दिया:——-
“मामला अत्यंत गंभीर है, क्योंकि यह मार्ग रतनपुर की आस्था और पहचान से जुड़ा हुआ है। मैं तत्काल इंजीनियर को मौके पर भेजकर कार्य की गुणवत्ता और दिशा की जांच करवाता हूं। अगर कोई गड़बड़ी पाई गई तो तत्काल सुधार की कार्रवाई की जाएगी। यह सिर्फ एक निर्माण नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं की भावनाओं से जुड़ा कार्य है, इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
——-विभागीय इंजीनियरों का कहना है कि नाली का पानी नियोजित बड़े नाले में ही गिरेगा, जिससे पूरे इलाके को लाभ मिलेगा और गंदगी की समस्या का स्थायी समाधान होगा। लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही कहानी कह रही है।
अगर यह निर्माण वास्तव में नियमानुसार नहीं हुआ, तो न केवल शासन की राशि की बर्बादी होगी, बल्कि रतनपुर जैसे धर्मस्थल की पवित्रता भी इस गंदगी के नीचे दब जाएगी।अब लोगों की नजरें नगरपालिका की कार्यप्रणाली पर टिकी हैं — क्योंकि यह केवल एक नाली का निर्माण नहीं, बल्कि श्रद्धा के रास्ते को स्वच्छ बनाने का प्रयास है, जिसे अधूरा या गलत नहीं छोड़ा जा सकता है।