
रतनपुर:—-
“वो हाथ जो कभी घर-परिवार और समाज की नींव रख चुके हैं, आज भी अनुभव और मार्गदर्शन की रोशनी लेकर हमारे बीच खड़े हैं।”
इसी भाव को साकार करते हुए रतनपुर के भीम चौक स्थित आत्मानंद कन्या शाला में ‘सियान चेतना जागरूकता कार्यक्रम’ का आयोजन हुआ — एक ऐसा भावुक और जागरूकता से भरा प्रयास जो बुजुर्गों के सम्मान, अधिकार और सुरक्षा को समर्पित था।यह आयोजन छत्तीसगढ़ वरिष्ठ नागरिक कांफेडरेशन और ज्येष्ठ नागरिक संघ रतनपुर के संयुक्त प्रयास से सम्पन्न हुआ।
मुख्य अतिथि थे चंद्रप्रकाश देवरस, प्रदेश अध्यक्ष, वरिष्ठ नागरिक कांफेडरेशन।विशिष्ट अतिथि के रूप में एडिशनल एसपी अर्चना झा की गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन को विशेष गरिमा प्रदान
की।कार्यक्रम में नगर के सैकड़ो वरिष्ठ नागरिक शामिल हुए। किसी की आँखों में अतीत की चमक थी, तो किसी की मुस्कान में संघर्ष की मिठास। उन्होंने नई पीढ़ी के सामने अपनी जीवन यात्रा और मूल्यों की अहमियत पर विचार साझा किए।
एडिशनल एसपी अर्चना झा ने अपने उद्बोधन में कहा— “बुजुर्ग समाज की धरोहर हैं। उनका अनुभव पीढ़ियों का प्रकाश है। हम सभी का नैतिक कर्तव्य है कि उन्हें सुरक्षा, सम्मान और स्नेह दें।”
मुख्य अतिथि चंद्रप्रकाश देवरस ने कहा— “बुजुर्ग केवल परिवार की नहीं, समाज की भी रीढ़ होते हैं। उनकी उपेक्षा नहीं, सराहना होनी चाहिए। यह कार्यक्रम इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।”
नगरपालिका अध्यक्ष लवकुश कश्यप ने कहा ——-“बुजुर्गों का आशीर्वाद ही रतनपुर की सामाजिक आत्मा है। ये आयोजन केवल कार्यक्रम नहीं, पीढ़ियों को जोड़ने का माध्यम है। मैं नगर पालिका की ओर से हर संभव सहयोग का भरोसा देता हूं ताकि हमारे बुजुर्ग सम्मान और गरिमा के साथ जीवन जी सकें।”
कार्यक्रम में संगठन के पदाधिकारी — अरविंद दीक्षित, देवेंद्र शर्मा (सचिव), आर.एस. शर्मा, नरेश चौहान, किशनलाल तंबोली सहित अन्य सदस्यगण भी उपस्थित रहे।इस आयोजन ने न केवल जागरूकता का संदेश दिया, बल्कि पीढ़ियों के बीच एक भावनात्मक संवाद भी स्थापित किया।बुजुर्गों ने महसूस किया कि वे केवल ‘अतीत’ नहीं, वर्तमान की जरूरत और भविष्य के लिए मार्गदर्शक हैं।
कार्यक्रम का समापन इस मार्मिक संदेश के साथ हुआ —
> “बुजुर्गों की बात सुनी जाए, उन्हें गले लगाया जाए — क्योंकि उनका साया ही हमारे संस्कारों की सबसे बड़ी पाठशाला है।”