
कोटा — श्रावण मास की सौंधी आस्था, भक्ति और पारंपरिक गरिमा के संग राजपूत महिला मंडल, राजपूत क्षत्रिय महासभा छत्तीसगढ़ पंजीयन क्रमांक 1282 उपसमिति कोटा द्वारा आज एक भव्य, भावनात्मक और प्रेरणास्पद स्नेह-सम्मेलन का आयोजन फौजी रिसॉर्ट, घोंघा जलाशय के समीप किया गया। यह आयोजन केवल धार्मिक श्रद्धा नहीं, बल्कि राजपूत समाज की नारीशक्ति की एकजुटता, संस्कृति और सौहार्द्र का प्रतीक बनकर उभरा।श्रद्धा और सौहार्द्र से सराबोर आयोजन देवाधिदेव महादेव और माता पार्वती को समर्पित श्रावण उत्सव में मंत्रोच्चार, शिव-पार्वती पूजन, भक्ति संगीत और मिलन के भाव ने वातावरण को भक्तिमय कर दिया। सजीव संवाद, पारस्परिक आत्मीयता और सांस्कृतिक सौंदर्य की झलक ने उपस्थितजनों को भावविभोर कर दिया।
सादगी में गरिमा, आत्मीयता में शक्ति
कार्यक्रम का प्रभावशाली संचालन अध्यक्ष डॉ. रंजीता सिंह और सचिव श्रीमती अंजू ठाकुर के सौजन्य से पूरे संयम, आत्मीयता और उत्साह के साथ हुआ, जिसमें सामाजिक चेतना के साथ-साथ परंपराओं के प्रति अनुराग भी स्पष्ट झलका।
गरिमामयी उपस्थिति ने बढ़ाई शोभा
स्नेह-सम्मेलन में जिन विशिष्ट बहनों की उपस्थिति ने आयोजन को गौरवशाली बनाया, उनमें प्रमुख रूप से —श्रीमती शकुन सिंह क्षत्रिय, श्रीमती लता सिंह क्षत्रिय, श्रीमती जया सिंह सिकरवार, श्रीमती राजकुमारी सिंह बिसेन (रतनपुर), श्रीमती मिथिलेश सिंह क्षत्रिय, श्रीमती सरोज सिंह क्षत्रिय, श्रीमती विद्या सिंह क्षत्रिय (कलारतराई), श्रीमती वर्षा सिंह दीक्षित, श्रीमती दीप्ति सिंह दीक्षित, श्रीमती आंचल सिंह दीक्षित, एवं श्रीमती सरिता सिंह (राजपूत, करगीकला) सम्मिलित रहीं।
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🔸 अध्यक्ष डॉ. रंजीता सिंह ने अपने उद्गार में कहा –
“श्रावण मास शिव और शक्ति का प्रतीक है। यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और आत्मिक एकता का साक्ष्य है। हमारी बहनों ने जिस श्रद्धा और उत्साह से इसे निभाया, वह प्रशंसनीय है। मैं सभी को साधुवाद देती हूँ।”
🔸 सचिव श्रीमती अंजू ठाकुर ने कहा –
“हमारा उद्देश्य केवल आयोजन करना नहीं, बल्कि संस्कृति को जीवंत रखना है। स्नेह-सम्मेलन के माध्यम से मातृशक्ति को जोड़ना और सामाजिक चेतना को संप्रेषित करना हमारा प्रयास है। सभी बहनों की भागीदारी और सहयोग प्रेरणादायक रहा।”
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यह आयोजन समाज में नारी गरिमा, परंपरागत चेतना और संगठनात्मक शक्ति का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करता है।