
कोटा विकासखंड में मुआवजा घोटाले का खुलासा, फर्जीवाड़े से शासन की योजनाओं को लगाया जा रहा चूना, जांच की मांग तेज
कोटा, जिला बिलासपुर:—-
“दर्द की कमाई पर दलाली” — सुनकर झटका लग सकता है, लेकिन कोटा विकासखंड में यह क्रूर सच्चाई बन चुकी है। सर्पदंश से जान गंवाने वाले गरीब ग्रामीणों के परिवारों के हिस्से की मुआवजा राशि को लूटने का सुनियोजित षड्यंत्र वर्षों से चल रहा है।अब जब स्थानीय नागरिकों ने पूरे मामले को लेकर अनुविभागीय अधिकारी, कोटा को शिकायत सौंपी, तो हड़कंप मच गया है। शिकायत में दो व्यक्तियों — सूरज मिश्रा और पीला राम जोशी (निवासी बेलगहना) — के नाम सीधे-सीधे शामिल हैं।
दलाली के नाम पर भावनाओं की लूट
शिकायत में कहा गया है कि ये दोनों व्यक्ति स्वयं को फर्जी वकील बताकर शासन द्वारा मृतकों के परिजनों को मिलने वाली सहायता राशि में हिस्सेदारी की मांग करते हैं। वे पीड़ितों को डराते, बहकाते और कानूनी पेंच दिखाकर मुआवजा का अधिकांश हिस्सा हड़प लेते हैं। कई मामलों में तो 50% से भी कम राशि पीड़ित परिवारों को मिली है।
मौत की सच्चाई से छेड़छाड़?
सबसे खतरनाक आरोप यह है कि इन लोगों ने कुछ प्राकृतिक या संदिग्ध मौतों को भी जानबूझकर ‘सर्पदंश’ में बदलकर फर्जी कागज़ातों के ज़रिए शासन से मुआवजा लिया है।
यदि यह सत्य पाया गया तो यह केवल धोखाधड़ी नहीं, बल्कि मानवता के विरुद्ध अपराध बन जाएगा।
सर्पलोक” बना बिलासपुर, कारण ये फर्जीवाड़े!
ऐसे फर्जी मुआवजा मामलों की बाढ़ के चलते बिलासपुर जिला अब ‘सर्पलोक’ के नाम से बदनाम हो रहा है। यह छवि न केवल शर्मनाक है, बल्कि शासन की योजनाओं की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर रही है।
शिकायत में मांगी गई कार्यवाही
शिकायतकर्ताओं ने मांग की है कि:
🔹 सूरज मिश्रा और पीला राम जोशी के विरुद्ध तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर निष्पक्ष जांच की जाए।
🔹 पिछले 8 वर्षों में कोटा ब्लॉक में जितने भी सर्पदंश मुआवजा प्रकरण दर्ज हुए, उन सबकी पुनः जांच हो।
🔹 जांच के दायरे में उन शासकीय कर्मचारियों और अधिकारियों को भी लाया जाए, जिनकी मिलीभगत संदेहास्पद है।
🔹 भविष्य में पीड़ितों को सीधा और पारदर्शी लाभ मिले, इसके लिए डिजिटल सत्यापन और ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया जाए।
जनता का सवाल – कब मिलेगी इंसाफ की सर्पदंश पीड़ितों को पूरी राशि?
स्थानीय जनों का कहना है कि शासन की योजनाएं उन तक नहीं पहुंच पा रहीं जिनके लिए बनी हैं। मिडलमैन, दलाल और फर्जी क़ानूनी एजेंट गरीबों के दुखों को अपनी कमाई का ज़रिया बना रहे हैं।अब जनता उम्मीद कर रही है कि प्रशासन इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेकर एक उदाहरणात्मक कार्रवाई करेगा, ताकि भविष्य में कोई और दलाल शासन और शोकाकुल परिवारों के बीच न आ सके।
मुआवजा योजना शोक के क्षणों में सहारा बनने के लिए है, मगर यहां तो यही योजना शोषण का हथियार बन गई” – शिकायतकर्ता का तीखा बयान।
होगी शिकायत कल
इस मामले की शिकायत कल जिला कलेक्टर ,पुलिस अधीक्षक सहित मुख्यमंत्री से करने की जारही तैयारी ।