
नन्हे कान्हाओं की अदाएं, भजन संध्या का माधुर्य, रंगोली की छटा और कवियों की वाणी से पग-पग पर छलकेगी भक्ति और संस्कृति
रतनपुर:—-बरसाने की गलियों से आती राधा-कृष्ण की लीलाओं की सुगंध और मथुरा के मुरलीमधुर स्वर इस बार रतनपुर की पावन धरती पर गूंजने वाले हैं। भक्ति, संस्कृति और कला का अनूठा संगम इस बार रतनपुर की गलियों में बिखरने वाला है। प्रतिवर्ष की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, इस वर्ष भी श्री राधामाधव धाम एवं संस्कार भारती परिवार द्वारा श्रीकृष्णआनंदोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है।
यह पांच दिवसीय महोत्सव नंदनंदन श्रीकृष्णचन्द्रजी के प्रादुर्भाव पर्व को समर्पित है, जिसमें हर दिन अलग-अलग रंग, सुर और भावनाएं पूरे नगर को कृष्णमय कर देंगी।
उत्सव की विशेष झलकियां
16 अगस्त (शनिवार) – बाल स्वरूप कृष्ण सज्जा प्रतियोगिता (0 से 4 वर्ष तक) शाम 6 से 8 बजे तक, जब नन्हे कान्हाओं की अदाएं और मोरपंखी साज-सज्जा दिल जीत लेंगी।
17 अगस्त (रविवार) – श्री राधाकृष्ण गुणगान एवं लालन-पालन प्रतियोगिता (4 से 14 वर्ष तक) शाम 6 से 8 बजे तक, जिसमें बाल कलाकार अपनी मधुर वाणी और भावभंगिमा से मंत्रमुग्ध करेंगे।
18 अगस्त (सोमवार) – चित्रकला एवं रंगोली प्रतियोगिता (कक्षा 6 से 12वीं तक) दोपहर 12 से 1 बजे तक, जब रंग और आरेखन में झलकेगी राधा-कृष्ण की लीला।
19 अगस्त (मंगलवार) – भजन संध्या (कथ्य एवं अन्य) शाम 6 से 8 बजे तक, जिसमें भक्ति गीतों और कीर्तन की स्वर लहरियां वातावरण को आध्यात्मिकता से भर देंगी।
20 अगस्त (बुधवार) – जिला स्तरीय कवि सम्मेलन व पुरस्कार वितरण शाम 6 से 8 बजे तक, और फिर रात्रि 8 बजे से कवियों की ओजस्वी वाणी और रसधारा के साथ होगा उत्सव का समापन।
आयोजकों ने नगर सहित आसपास के सभी श्रद्धालुओं से भावपूर्ण आग्रह किया है कि इस धार्मिक और सांस्कृतिक महोत्सव में सम्मिलित होकर श्रीकृष्ण प्रेम के अमृत में डूबें और आने वाली पीढ़ी को भी इस परंपरा से जोड़ें।