
रतनपुर:—-
धार्मिक और पौराणिक महत्व की नगरी रतनपुर में स्थित ऐतिहासिक कृष्णाअर्जुनी तालाब इन दिनों प्रदूषण और लापरवाही का शिकार हो गया है। यह वही तालाब है, जिससे हजारों लोग प्रतिदिन निस्तारी, स्नान और अन्य दैनिक जरूरतों के लिए जल उपयोग करते हैं। मगर अब इसी जल स्रोत में बीमारी का डर और बदबू का कहर फैल गया है।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, तालाब का पानी अचानक बदरंग हो गया है, उसमें तीव्र बदबू आ रही है और सतह पर हरे रंग की काई जैसी परत तैर रही है। मोहल्लेवासियों का आरोप है कि मछली ठेकेदार द्वारा तालाब में किसी रसायन या दवा का प्रयोग किया गया है, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई है। “पानी में ऐसा कुछ डाला गया है जिससे उसकी रंगत ही बदल गई है, बदबू से घरों में रहना मुश्किल हो गया है,” – यह कहना है पास के वार्ड में रहने वाले बुजुर्ग श्री विष्णु साहू का।वही तालाब के आसपास बसे सैकड़ों परिवारों के लिए यह संकट बन गया है, क्योंकि वे रोजाना इसी पानी पर निर्भर हैं – स्नान, कपड़े धोने, बर्तन साफ करने और कभी-कभी पीने तक के लिए। अब उनके सामने सवाल है –
“अब निस्तारी के लिए कहां जाएं?”स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रकार का संदिग्ध, बदबूदार और रसायनयुक्त पानी त्वचा रोग, पेट संक्रमण और अन्य गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह पानी बेहद घातक साबित हो सकता है।
इसी बीच, मोहल्ले वासियों की मांग पर वार्ड पार्षद इंदु यादव ने सक्रियता दिखाते हुए मोहल्लेवासियों के साथ मछली ठेकेदार के घर पहुंचकर तालाब की तत्काल सफाई करने को कहा और ठेकेदार को सख्त चेतावनी दी। पार्षद ने स्पष्ट किया कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो नगर पालिका और प्रशासन के समक्ष बड़ा विरोध किया जाएगा। इंदु यादव पार्षद ,फोटो दवा ,श्याम यादव,कांति यादव ,भक्ति यादव, तेजेंद्र पांडे , राजू यादव, विक्रम यादव,सौरभठाकुर ,महेशनिर्मलकर,
मनोज यादव,बल्लू गोंड ,वाहिद अलीमहेंद्रदुबे ,सागर सोनी ,सीनू यादव,कपिल कश्यप,वीनू धीवर सभी ने ठेकेदार के घर पहुचे थे
स्थानीय लोगों ने नगर प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। तालाब की जल गुणवत्ता की जांच, पूरी तरह से सफाई, और दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग उठ रही है। वहीं सामाजिक संगठनों ने भी चेतावनी दी है कि यदि स्थिति जल्द नहीं सुधरी, तो जन आंदोलन किया जाएगा।अब यह देखना होगा कि नगर पालिका और प्रशासन इस गंभीर जल संकट पर कितनी संवेदनशीलता और दूरदर्शिता से काम करता है, या फिर रतनपुर का यह ऐतिहासिक तालाब भी प्रशासनिक उदासीनता की भेंट चढ़ जाएगा।