वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने एनसीआर की तर्ज पर स्टेट कैपिटल रीजन के विकास के लिए आर्थिक सहायता का किया आग्रह

कहा, राज्यों को पूंजीगत निवेश के लिए विशेष सहायता की राशि पूर्व की तरह रखा जाए

 

राज्य में रेल नेटवर्क के विस्तार का रखा प्रस्ताव

 

खनिज समृद्ध ज़िलों के आस पास के क्षेत्रों में विकास के लिए डीएमएफ के नियम में बदलाव का किया आग्रह

 

इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, टेक्सटाइल पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क के स्थापना का भी किया अनुरोध

 

बजट पूर्व बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्तमंत्री  ओपी चौधरी ने रखे राज्यहित के कई प्रस्ताव

 

नई दिल्ली, :—— बजट पूर्व बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने
राज्यों को विशेष सहायता की राशि, स्टेट कैपिटल रीजन के विकास व राज्य में रेल नेटवर्क के विस्तार सहित राज्यहित के कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव व सुझाव रखे। दिल्ली के भारत मंडपम, प्रगति मैदान में आयोजित बजट पूर्व बैठक में केंद्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री पंकज चौधरी के साथ ही अन्य राज्यों के वित्तमंत्री उपस्थित रहे।

बैठक में राज्य सरकार की ओर से वित्त मंत्री श्री चौधरी ने भारत की अर्थव्यवस्था की प्रगति और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में उठाए गए कदमों की सराहना की। साथ ही उन्होंने देश में अधोसंरचना निर्माण, कौशल संवर्द्धन, उद्यमिता विकास, और आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों के माध्यम से कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रशासन, और जनसुविधाओं के क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों की भी प्रशंसा की है।

राज्यहित के मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए वित्तमंत्री  ओपी चौधरी ने कहा केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों को पूंजीगत निवेश हेतु विशेष सहायता के रूप में वर्ष 2020-21 से 50 वर्षों के लिये ब्याज रहित ऋण राशि उपलब्ध कराई जा रही है। अंतरिम बजट 2024-25 में इस योजना के लिये गत वर्ष के समान ही 1,30,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है, किन्तु पार्ट-1 अंतर्गत गत वर्ष के प्रावधान 1 लाख करोड़ को कम करते हुए 55,000 करोड़ ही रखा गया है। उन्होंने इस योजना के लिए पूर्व की तरह राशि के प्रावधान का अनुरोध किया।

बैठक में स्टेट कैपिटल रीजन के विकास के लिए आर्थिक सहायता की जरूरत बताते हुए चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई राजधानी नवा रायपुर अटल नगर को देश के सबसे सुनियोजित एवं ग्रीन सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य के सीमित संसाधनों से सड़क, पेयजल, विद्युत सुविधा, आवास तथा अन्य आधारभूत संरचनाओं का निर्माण किया गया है, किन्तु नई राजधानी को रायपुर तथा दुर्ग-भिलाई के साथ मिलाकर एनसीआर की तर्ज पर स्टेट कैपिटल रीजन के रूप में आधुनिक नगरीय सुविधाओं के साथ विकसित किया जाना है।
उन्होंने इसे सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त, बैंकिंग और ग्रीन एनर्जी के हब के रूप में विकसित करने के लिए बजट में पर्याप्त आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की।

राज्य में रेल नेटवर्क का विस्तार की मांग करते हुए श्री चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खनिज संसाधनों की प्रचुरता के कारण खदानों से खनिज का परिवहन पर्याप्त रेल नेटवर्क के अभाव में अधिकांशतः सड़क मार्ग से होता है।
रेल द्वारा माल एवं यात्री परिवहन सड़क मार्ग की तुलना में सस्ता होने एवं औद्योगिक विकास के लिए कारण रेल नेटवर्क का विस्तार अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने राज्य में रेल सुविधाओं के विस्तार कार्यों की स्वीकृति का अनुरोध किया।

बैठक में वित्तमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की एक भी इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना छत्तीसगढ़ राज्य से नहीं गुजरती है। उन्होंने
नागपुर-रायपुर-विशाखापटनम नवीन इंडस्ट्रियल कॉरीडोर विकसित करने अथवा वर्तमान प्रस्तावित कॉरिडोर से रायपुर को जोड़ने की जरूरत बताई।
इसके अलावा उन्होंने राज्य में टेक्सटाइल पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना का भी अनुरोध किया।

वित्तमंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत दुर्गम वन क्षेत्रों में निर्मित सड़कों के संधारण हेतु बजट में प्रावधान करने का अनुरोध किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा केंद्रीय सुरक्षा बलों के कैंपों तक सड़क निर्माण के लिए भी बजट में प्रावधान किया जाए।

वित्तमंत्री ने रायपुर में वृद्धजनों के लिए इंटीग्रेटेड जिरियाट्रिक हेल्थ सेंटर की स्थापना का प्रस्ताव रखा।
उन्होंने प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत बच्चों के लिए खाद्य सामग्री की दर और रसोइयों के मानदेय में वृद्धि का आग्रह किया। इसके साथ ही आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अंतर्गत प्रीमियम राशि में वृद्धि करने की मांग की।

चौधरी ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा सातवें वेतनमान लागू करने के लिए अतिरिक्त वित्तीय भार का 50 प्रतिशत केंद्रान्श की मांग की। वहीं उन्होंने रायपुर एयरपोर्ट से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान सेवाएं उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया।

वित्तमंत्री चौधरी ने डीएमएफ के नए नियमों की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि हाल ही में भारत सरकार द्वारा जारी किए गए नए डीएमएफ (जिला खनिज निधि) नियमों के अनुसार, डीएमएफ का उपयोग केवल खदान क्षेत्र के 15 किमी के भीतर या खदान से 25 किमी तक की दूरी पर रहने वाले लोगों पर ही किया जा सकता है। पहले के नियमों के तहत, डीएमएफ का 75% तक धनराशि उसी जिले में खर्च की जा सकती थी जिसमें खदान स्थित है, जबकि शेष 25% धनराशि पास के जिलों में भी खर्च की जा सकती थी। छत्तीसगढ़ में हाल के वर्षों में कई नए जिलों का गठन हुआ है, जिससे आसपास के जिलों में विकास कार्यों के लिए डीएमएफ के धन को मिलाकर आवश्यकता के आधार पर खर्च करने की अधिक जरूरत है। लेकिन नए डीएमएफ नियम इस पर प्रतिबंध लगाते हैं।
खनन क्षेत्रों से सटे जिलों में विकास परियोजनाओं के लिए पर्याप्त राशि की उपलब्धता के लिए वित्त मंत्री श्री चौधरी ने इस नियम को छत्तीसगढ़ के परिपेक्ष्य में बदलने का आग्रह किया है, ताकि खनिज समृद्ध जिलों के आसपास के क्षेत्रों का भी समान विकास सुनिश्चित हो सके।

इसके साथ वित्तमंत्री ने सभी आदिवासी विकासखंडों में एकलव्य विद्यालय स्थापित करने व आकांक्षी जिलों में दो नवोदय विद्यालय खोले जाने का आग्रह किया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने सुझावों पर सकारात्मक विचार करते हुये राज्य के विकास और जन कल्याणकारी कार्यों के लिए अधिक आर्थिक सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्तमंत्री के साथ वित्त सचिव श्री मुकेश बंसल भी शामिल रहे।

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