तीन नए आपराधिक कानून लागू: पत्थलगांव थाने में कार्यक्रम का आयोजन, लोगों को दी नियमों की जानकारी

 

पत्थलगांव से सुरेश साहू की रिपोर्ट
पत्थलगांव से सुरेश साहू की रिपोर्ट

पत्थलगांव:—थाने में नवीन कानूनों के क्रियान्वयन कार्यक्रम में  राजनेताओं, वकील, पत्रकार, समाजसेवीयो, एवं आम जनों के मौजूदगी में जानकारी साझा की गई बताया गया पूर्व के कानून जो भारतीय दंड संहिता के नाम से जाना जाता था उसे अब 1जुलाई सोमवार से भारतीय न्याय संहिता 2023 के नाम से जाना जाएगा
तीन परिवर्तित नए कानून के बारे में डीपीओ सौरभ सौम्य जैन द्वारा दी गई विस्तृत जानकारी दी गई पहले भारतीय दंड संहिता जो 1860 से देश में लागू थे उसकी जगह तीन नए कानून पूरे देश में 1 जुलाई से लागू कर दिए गए हैं। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम आज 1 जुलाई से देशभर में लागू हो गई है। वर्षों पुराने अंग्रेजी कानूनों की जगह लेंगे नए कानून जिनमें दंड के स्थान पर न्याय को प्राथमिकता दी गई है। इस मौके पर पत्थलगांव थाना प्रभारी विनीत पांडे  ,भाजपा मंडल अध्यक्ष अनिल मित्तल, ग्रामीण मंण्डल प्रभारी हरजीत सिंह भाटिया, अवधेश गुप्ता, अंकित अग्रवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता मोहन यादव ,मनोज तिवारी, हरगोविंद अग्रवाल ,मुकेश अग्रवाल, नीरज गुप्ता, कमलेश यादव , दिनेश अग्रवाल, सुरेश साहू पवन सिंह, सहित अन्य लोग मौजूद रहे
डीपीओ सौरभ जैन के द्वारा 1 जुलाई से लागू किए गए देश भर में नए कानून के बारे में काफी अच्छी जानकारी साझा करते हुए बताया कि 25 दिसम्बर 2023 को संसद के दोनों सदनों में पारित हो गए थे जिसे 23 फरवरी 2024 को राष्ट्रपति के द्वारा अनुमति प्रदान की गई 1 जुलाई 2024 से तीनो कानून सिवाय भारतीय न्याया संहिता 106(2)को छोड़ कर शेष धारा लागू किये गए जो भी भारत देश में जन्म लेते है वो तुरंत ही इन कानून के दायरे में आ जाते हैं। उन्होंने परिवर्तित किये गए भारतीय न्याय संहिता ,भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता ,भारतीय साक्ष्य अधिनियम के बारे में बताया उन्होंने बताया कि अंग्रेज जमाने में जो भारतीय दंड संहिता में कुल 511 धाराएं लागू थी उनकी जगह न्याय संहिता में अब 358, धाराएं हैं।भारतीय साक्ष्य अधिनियम में पहले 167 धाराये थे अब 170 है। 1860 से हम उन कानून का पालन करते आ रहे थे लेकिन सोमवार से हम कानून को नए तरीके से पालन करेंगे भारतीय न्याय संहिता में नागरिकों के लिए सहज आसन एवं जल्द निर्णय के लिए कई प्रकार के कानून का प्रावधान किया गया है उदाहरण के तौर पर पहले हमें केस में बहस के बाद काफी दिनों तक केस का फैसले के लिए इंतजार करना पड़ता था लेकिन अब नए कानून में आपराधिक मामले में एडीजे कोर्ट के द्वारा 30 दिन या अधिकतम 45 दिनों के अंदर फैसला देना पड़ेगा वही नए कानून में कई प्रकार के प्रावधान किए गए हैं कोई एक्सीडेंटल व्यक्ति के द्वारा तीन दिवस के भीतर अपने मोबाइल फोन के जरिए संबंधित थाने के भारसाधक अधिकारी को मोबाइल से भी मैसेज के द्वारा सूचना दी जा सकती है साथ ही तीन दिवस के भीतर सूचना देने वाले व्यक्ति को स्वयं उपस्थित होकर थाने में हस्ताक्षर करने पड़ेंगे पहले के कानून में यह सभी प्रावधान नहीं थे जो अब के कानून में प्रावधान किए गए हैं। सरकार का मानना है कि नए कानून लागू होने से लोगो को न्याय जल्दी मिल सकेगा और तय समय के अंदर चार्जशीट फाइल हो सकेगी।

थाना प्रभारी विनीत पांडे ने कार्यक्रम के अंत मे कहा कि डीपीओ सौरभ जैन के द्वारा काफी अच्छी जानकारी प्रदान की गई जिससे काफी कुछ समझने में आसानी होगा नए कानूनों की जानकारी को जन जन तक पहुचाने की जिम्मेदारी पत्रकार साथियों का है। वे  खबर के माध्यम से जन जन तक इन कानूनों के जानकारी को प्रमुखता देकर  आन जन लोगो तक बाते पहुचाये।

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