रायपुर:—-सूर्यघर मुफ़्त बिजली योजना एक सरकारी पहल है जो घरों में सौर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी देती है। इसका उद्देश्य प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करना है। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेने से गौरेला नगर के सुनीत लाल और दिलीप कुमार गोयल का बिजली बिल पूरी तरह से शून्य हो गया है।
बिजली बिल हुआ पूरी तरह से शून्य
अग्रसेन चौक गौरेला के दिलीप कुमार गोयल ने अपने घर की छत पर 5 किलोवाट क्षमता का रूफटॉप सोलर पैनल स्थापित कराया है। गोयल बताया कि पहले उनके घर में बिजली की खपत अधिक होने के कारण बिल भी ज्यादा आता था, लेकिन योजना की जानकारी मिलते ही उन्होंने इसका लाभ उठाने का निर्णय लिया। इस योजना के तहत उन्हें केंद्र सरकार से 78 हजार रूपये तक की सब्सिडी प्राप्त हुई। इसी तरह सुंदर नगर गौरेला के सुनीत लाल ने भी 78 हजार रूपये की सब्सिडी से जनवरी माह में अपने घर पर सोलर रूफटॉप सिस्टम लगवाया है। संयंत्र चालू होते ही उनके घर में बिजली उत्पादन शुरू हो गया और पहले ही महीने उनका बिजली बिल पूरी तरह से शून्य हो गया।
तीन किलोवाट तक की सौर प्रणाली सब्सिडी दे रही है सरकार
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई “प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त योजना“ का उद्देश्य हर घर को सौर ऊर्जा से जोड़कर स्वच्छ, सस्ती और टिकाऊ ऊर्जा को बढ़ावा देना है। केंद्र सरकार इस योजना के तहत तीन किलोवाट तक की सौर प्रणाली पर 78 हजार रुपये तक की सब्सिडी दे रही है, जिससे आमजन के लिए सोलर पैनल लगवाना अब अधिक सुलभ हो गया है। इस योजना से बिजली बिलों में उल्लेखनीय कमी आ रही है, वहीं उपभोक्ता अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेचकर आय भी अर्जित कर रहे हैं। इससे न केवल परिवार आत्मनिर्भर बन रहे हैं, बल्कि पारंपरिक बिजली पर निर्भरता घटने से राष्ट्रीय ग्रिड पर भी भार कम हुआ है।
ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में यह योजना छत्तीसगढ़ में प्रभावी ढंग से लागू की जा रही है। इस योजना का अधिक से अधिक लोग लाभ ले सकें इसके लिए राज्य सरकार द्वारा जागरूकता अभियान, ऑनलाइन पोर्टल, हेल्पडेस्क और विशेष शिविरों के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। “प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना“ न केवल घरों को रोशन कर रही है, बल्कि छत्तीसगढ़ को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और पर्यावरण के क्षेत्र में सशक्त बना रही है।