बिलासपुर:----
सहायक वन परिक्षेत्र खोंगसरा के अंतर्गत आने वाले कुछ गांवों में इन दिनों बिजली के तारों में करेंट प्रवाहित कर वन्यजीवों को मारने की घटनाओं की जानकारी सामने आई है। यह कार्य न केवल अवैध और अमानवीय है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
वन विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ग्रामीणों को चेतावनी दी है कि जो भी व्यक्ति इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

साथ ही विभाग ने आम जनता से अपील की है कि यदि किसी को ऐसी घटनाओं की जानकारी मिलती है, तो वह तत्काल वन विभाग को सूचित करे।
सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी और उन्हें उचित इनाम भी दिया जाएगा।
वन विभाग की कार्रवाई और तैयारी
सहायक वन परिक्षेत्र खोंगसरा के डिप्टी रेंजर नरेंद्र बैसवाड़े ने बताया,
> “हमारी टीम लगातार गांवों में चौकन्नी है। ऐसी किसी भी गतिविधि पर तुरंत नजर रखी जा रही है। बहुत जल्द दोषियों को पकड़कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने ग्रामीणों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि वन्यजीवों की सुरक्षा केवल विभाग की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का नैतिक दायित्व है।
सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप शर्मा की अपील
प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप शर्मा ने कहा कि खोंगसरा और आसपास का क्षेत्र प्राकृतिक रूप से जैव विविधता से भरपूर है, जहाँ कई प्रजातियों के वन्यजीव पाए जाते हैं।
उन्होंने कहा,
> “यह क्षेत्र जीव-जंतुओं के लिए सबसे उपयुक्त क्षेत्र है। इस तरह की गतिविधियाँ कानूनन अपराध हैं। ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही जंगल और जीवों को बचाने के लिए सभी को सक्रिय रहना होगा।”
प्रदीप शर्मा ने यह भी कहा कि समाज के लोगों को ऐसी घटनाओं के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए, क्योंकि जंगलों का संरक्षण पर्यावरण और आने वाली पीढ़ियों दोनों के लिए आवश्यक है।
जनप्रतिनिधियों ने भी जताई चिंता
वहीं भाजपा मंडल अध्यक्ष ने भी इस मामले को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा,
> “मुझे जानकारी मिली कि बार-बार बिजली कट रही थी, जिसका कारण बिजली के तारों से शिकार किए जाने की सूचना मिली है। यह बहुत गंभीर मामला है। दोषियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए।”
उन्होंने स्थानीय प्रशासन और बिजली विभाग से भी समन्वय बनाकर ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।
ग्रामीणों से सहयोग की अपील
वन विभाग ने कहा कि वन्यजीव न केवल जंगल की पहचान हैं, बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन का आधार भी हैं। ऐसे में हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी विभाग को दे।









