सीपत: शहीद वीरेंद्र कैवर्त को दी गई श्रद्धांजलि

समय न्यूज़ लाइव प्रदीप पाण्डेय की रिपोर्ट
समय न्यूज़ लाइव प्रदीप पाण्डेय की रिपोर्ट

सीपत :— ग्राम नरगोड़ा में शहीद वीरेंद्र कैवर्त के शहादत दिवस के अवसर पर रविवार को ज़िला सैनिक कल्याण बोर्ड एवं केंवट समाज के संयुक्त तत्वाधान में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमे बिलासपुर ज़िला के सेना में अपनी सेवाएं दे चुके सैनिकों ने बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।सभी ने शहीद वीरेंद्र कैवर्त को श्रद्धांजलि दी और उनकी वीरता को सलाम किया। मुख्य अतिथि ज़िला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल हरिश्चन्द्र तिवारी ने अपने संबोधन में बताया कि किस तरह 2006 में वीरेंद्र कैवर्त आतंकवादियों द्वारा बिछाए गए आईडी ब्लास्ट में शहीद हुए।

ज़िला सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष दत्तात्रेय यादव व जिला सैनिक बोर्ड संयोजक शिवेंद्र पांडेय ने बताया कि जब 1990 में जम्मू कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं अपने चरम पर थी तो सरकार द्वारा राष्ट्रीय रायफ़ल्स की स्थापना की गई शहीद वीरेंद्र उसी टुकड़ी के हिस्सा थे और आतंकवादियों के एम्बुस में आईडी ब्लास्ट में शहीद हुए। कार्यक्रम में भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य दिलेंद्र कौशिल ने कहा कि आज देश मे तैनाती दे रहे जल थल और वायु सेना के बदौलत हम चैन की नींद सो रहे है। हमारी सरकार के द्वारा हमारी बाहरी सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा के लिए अलग अलग सुरक्षा व्यवस्था बनाया गया है

जिसमें आंतरिक सुरक्षा के पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया किंतु जब जब आवश्यकता पड़ती है तो शांति स्थापित करने के लिए सेना का भी सहयोग लिया जाता है। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष राजेंद्र धीवर ने कहा कि शहीद वीरेंद्र की शहादत कभी व्यर्थ नही जाएगी। सैनिक अनुशासन का प्रतीक है। विश्व में भारत को मजबूत बनाना है तो प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्र निर्माण में योगदान देना होगा। अनुशासन जीवन जीने की कला को सिखाता है। राष्ट्रधर्म सर्वोपरि है। देशभक्तों ने देश की दिशा और दशा बदल दी है। कार्यक्रम को ज़िला पंचायत सदस्य नूरी दिलेंद्र कौशिल सीपत टीआई निलेश पांडेय ने भी संबोधित किया और शहीद वीरेंद्र कैवर्त को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। ज़िला सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारियों ने इस बात पर दुख जताया कि शहीद वीरेंद्र कैवर्त के शहादत के 16 साल बाद भी उनके गांव का स्कूल शहीद के नाम पर नहीं है शहीद के गांव में अब तक भी कोई विकास नहीं दिख रहा है न सड़को की व्यवस्था ठीक है और न नलियों की ना ही अब तक शहीद की कोई मूर्ति लगी है तो इस गांव के युवकों में सेना में जाने का आकर्षण कैसे पैदा होगा। आभार सरपंच प्रतिनिधि प्रजा खरे ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में शहीद के माता पिता गजेंद्र कैवर्त विजय भोंसले दौलत राम मगर परमेश्वर श्रीवास रामगोपाल उपाध्याय प्रमित कोरी मणिशंकर श्रीवास दीपक वैष्णव अभिषेक भोंसले बैसाखू पटवारी राजेन्द्र शुक्ला सचिव ईश्वरी विजय सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे।

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