बिलासपुर विधायक अमर ने कहा अध्यात्म में पहले मानिए फिर जानिए…विज्ञान में पहले जानिए फिर मानिए

बिलासपुर से अमित पाटले की रिपोर्ट
बिलासपुर से अमित पाटले की रिपोर्ट

बिलासपुर डी.पी. विप्र महाविद्यालय में विश्वविद्यालय स्तर पर आर्ट्स, कामर्स एवं सांइस का साईनेक्स मिलेनियम का प्रारंभ हुआ, जो निरन्तर तीन दिनों तक चलेगा। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र् पर मुख्य अतिथि अमर अग्रवाल, विधायक, बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र, अध्यक्षता अनुराग शुक्ला, अध्यक्ष प्रशासन समिति, प्राचार्य डॉ. अंजू शुक्ला, डी.पी. विप्र महाविद्यालय, पार्षद रंगनादम्, डॉ. हर्षिता शुक्ला एवं अविनाश सेठी अध्यक्ष, एल्युमिनी कमेटी डी.पी. विप्र महाविद्यालय उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि अमर अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि विद्यार्थी अपने मौलिक सोच को मॉडल के रूप में प्रदर्शित करते हैं तो उन्हें यह विचार करना चाहिए कि हम इसमें क्या नवाचार कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें एक कदम आगे बढ़कर सोचने की जरूरत है। उन्होंने अपना सुझाव देते हुआ कहा कि यदि आप नया प्रोडक्ट तैयार करते हैं तो उसका पेंटेंट भी करवाना चाहिए। प्रगति के साथ चुनौति का स्वरूप भी बदलता रहता है।
आज के युवा पीढ़ी चुनौतियों को स्वीकार कर प्रगति के पथ पर बढ़ने के लिए प्रयासरत है।

अनुराग शुक्ला ने साईनेक्स मिलेनियम के सभी प्रतिभागी को बधाई देते हुए उन्हें कहा कि यह महाविद्यालय का स्वस्फूर्त कार्यक्रम है जो विद्यार्थियों के योगदान से 24 वर्षों से चला आ रहा है।

मुझे पूर्ण विश्वास है आने वाले समय में यह मिल का पत्थर साबित होगा। प्राचार्य डॉ. अंजू शुक्ला ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि विद्यार्थियों के निष्ठा एवं समर्पण के भाव से ही इस तरह का सफल कार्यक्रम आयोजित होता है।

महाविद्यालय में विद्यार्थियों का संस्कार के साथ व्यक्तित्व निर्माण किया जाता है। विद्यार्थियों के लिए कहा कि हम कितना भी आगे बढ़ जायें, हमें अपने संस्कारों को कभी नहीं भूलना चाहिए। वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना को आत्मसात करके ही हम वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रगति के पथ पर अग्रगामी हो सकते हैं।

मनीष मिश्रा ने मुख्य अतिथि से मांग करते हुए कहा कि पुराने अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में बन रहे नालंदा परिषद के साथ-साथ विवेकानंद परिषद भी बनना चाहिए जिसमें पुस्तकालय के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करानी चाहिए साथ ही गांधी चौक पर बने मिनी स्टेडियम के परिसर में एक कराटे परिसर का भी निर्माण करने की मांग की।

अतिथियोें द्वारा महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं द्वारा बनाये गये मॉडलों का निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की ज्योतिर्मय पत्रिका का विमोचन मुख्य अतिथि अमर अग्रवाल द्वारा किया गया।

सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. एम.एस. तम्बोली एवं आभार प्रदर्शन कु. हैलसीयन कान्त ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए वीरेन्द्र साहू, जित्तू ठाकुर, गोविन्द सेठी, शिवा गेंदले, चित्रकांत निरडवार, विकास सिंह, आशीष मिश्रा, उमेश साहू, बृजेश बोले, हिमेश साहू, मनोज मेंसराम, अरूण नथानी, यश मिरानी, सुरेन्द्र अहिरवार, सचिन सूर्या, सन सूर्या, यजूर तिवारी, डॉ. मनीष तिवारी, डॉ. आभा तिवारी, डॉ. एम.एल. जायसवाल, प्रो. निधीश चौबे, डॉ. सुषमा शर्मा, डॉ. आशीष शर्मा, प्रो. ए.श्रीराम, प्रो. तोषिमा मिश्रा, डॉ. सुरुचि मिश्रा, प्रो. विश्वास विक्टर, डॉ. किरण दुबे, प्रो. जयंतरॉय, प्रो. यूपेश कुमार, प्रो. रूपेन्द्र शर्मा, प्रो. लोकेश कुमार वर्मा, प्रो. ज्योति तिवारी, प्रो. सुचित दुबे, प्रो. प्रदीप जायसवाल, प्रो. दीपक कश्यप, प्रो. अंजली जायसवाल, सगराम चन्द्रवंशी समस्त प्राध्यापकगण, केर्मचारीगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएॅं रूप उपस्थित थे।

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