सत्य अहिंसा और मानवता के ध्वजवाहक थे संत गुरू घांसीदास- अटल श्रीवास्तव

 

संभागीय जिला ब्यूरो रवि राज रजक की रिपोर्ट
संभागीय जिला ब्यूरो रवि राज रजक की रिपोर्ट

कांग्रेस सरकार ने संत गुरू घांसीदास बाबा के अमिट छवि को संजोया
संत शिरोमणी गुरू घासीदास के 268वी जयंती पर पोस्ट मेंट्रिक छात्रावास जरहाभाटा में कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव द्वारा शोभा यात्रा रैली का शुभआरंभ कर महंत बाड़ा जरहाभाठा में गुरू घासीदास बाबा की पूजा अर्चना कर जैतखांभ पर श्वेत ध्वज चढ़ाया।


विधायक अटल श्रीवास्तव द्वारा कहा गया कि पूज्य संत शिरोमणी गुरू घांसीदास बाबा सत्य अहिंसा और मानवता के प्रबल समर्थक थे। मनखे-मनखे एक समान का संदेश देकर समाज में उच-नीच भेद-भाव जैसे समाजिक कुप्रथा को समाप्त करने के प्रबल पक्षधर थे। गुरू घांसीदास द्वारा सतनाम पंथ का स्थापना किया गया । सतनामी समाज के उत्थान एवं विकास के लिए जीवन पर्यंत समर्पित थे।

कांग्रेस सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अर्जुन सिंह द्वारा गुरू घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर की स्थापना की गई एवं मुंगेली लालपुर में गुरूघासीदास मेला की शुरूआत की गई। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी जी द्वारा गिरौधपुरी धाम की कल्पना की गई।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा नवा रायपुर में शोधपीठ एवं संग्रहालय का निर्माण कर गुरूघांसीदास बाबा के नाम पर कर गुरूघांसीदास बाबा के अमिट छवि को संजोया गया।

शोभायात्रा में पूर्व विधायक चुरावन मांगेशकर, आयोजक राजेश्वर सोनी, गिरीश पाटले, अमित सोनवानी, ऋषि कोसले, जलेश्वर सोंचे सुमीत मोहले विरेंद्र लहरसन एवं समाज के प्रमुख गणेश चेलकर, शत्रुहन धृतलहरे, रामफल मांड्रे, सीमा धृतेश, राधेश्याम टोडर, नरोत्तम पुरले एवं समाज के सदस्य उपस्थित थे।

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