
सेवाओं की गुणवत्ता पर जताई गहरी चिंता
तहसील परिसर पौधरोपण में किया पौधरोपण , नई बिल्डिंग निर्माण में तेजी लाने के दिए निर्देश
सीपत ,,,,,बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने गुरुवार को सीपत तहसील कार्यालय और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सीपत (पीएचसी) का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा की। इस दौरान वे बिना पूर्व सूचना के सीधे विभिन्न शाखाओं में पहुंचे और वहां मौजूद अभिलेखों, कर्मचारियों की उपस्थिति तथा आम नागरिकों को दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता का सूक्ष्म अवलोकन किया।
निरीक्षण के दौरान कार्यालय में उपस्थित पक्षकारों, जिनमें श्रीमती साहिन बाई एवं श्रीमती पार्वती रात्रे शामिल थीं, से सीधे संवाद कर उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना।
उन्होंने तहसीलदार को प्रत्येक शिकायत का शीघ्र निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि तहसील कार्यालय आम जनता की पहली सीढ़ी है, यहाँ आने वाले नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। अधिकारियों और कर्मचारियों को संवेदनशीलता, तत्परता और जवाबदेही के साथ कार्य करना चाहिए।
कलेक्टर ने नई तहसील भवन का किया निरीक्षण, निर्माण कार्य में गुणवत्ता पर विशेष जोर
निरीक्षण के क्रम में कलेक्टर ने तहसील परिसर में निर्माणाधीन नवीन प्रशासनिक भवन का भी अवलोकन किया। उन्होंने निर्माण एजेंसी को निर्देशित किया कि निर्माण कार्य समयबद्ध ढंग से एवं पूरी गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जाए। कलेक्टर ने कहा कि प्रशासनिक भवन केवल ईंट-पत्थर नहीं, बल्कि जनता की सुविधा और विश्वास का प्रतीक होता है। गुणवत्ता के साथ समयबद्ध निर्माण आवश्यक है
तहसील परिसर में पौधरोपण : पर्यावरण के प्रति जताई प्रतिबद्धता
निरीक्षण के पश्चात कलेक्टर ने मस्तूरी एसडीएम प्रवेश पैकरा , तहसीलदार सोनू अग्रवाल , नायब तहसीलदार देशकुमार कुर्रे, NTPC एच आर के सत्यकाम सर,शैलेन्द्र चौहान व अधिवक्ताओं के साथ मिलकर तहसील परिसर में पौधरोपण कर एक सकारात्मक संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि हर पौधा एक उम्मीद है स्वच्छ हवा, हरित वातावरण और बेहतर भविष्य की। ऐसे अभियान सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का भाव हैं, जिसे हमें निभाना है।
स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान : पीएचसी का गहन निरीक्षण
कलेक्टर ने सीपत स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भी दौरा किया और वहां की चिकित्सा व्यवस्थाओं का संपूर्ण निरीक्षण किया। अस्पताल में डिलीवरी वार्ड, ओपीडी, दवा वितरण कक्ष, जांच प्रयोगशाला सहित अन्य विभागों का जायजा लेते हुए उन्होंने मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। अधिकारियों ने उन्हें अवगत कराया कि यहां प्रतिदिन औसतन 100 से अधिक मरीज ओपीडी में आते हैं और प्रति माह 60 से 70 प्रसव होते हैं। इस पर कलेक्टर ने निर्देश दिए कि हर मरीज तक समुचित चिकित्सा सुविधा पहुँचे, इसके लिए किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अस्पताल की साफ-सफाई, दवाइयों की उपलब्धता और डॉक्टरों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
जनता की समस्याओं पर सीधा संवाद और समाधान पर फोकस
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने जिस संवेदनशीलता से आम नागरिकों की बात सुनी और अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए, उससे यह स्पष्ट हो गया कि उनका प्रशासन जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। यह दौरा न केवल व्यवस्था को सुधारने की पहल थी, बल्कि नागरिकों में विश्वास जगाने वाला कदम भी साबित हुआ।