
जिंदा देख बदहवास भागने लगे लोग, गलतफहमी में नदी में मिली लाश को मान लिया था बेटा,,,4 दिनों से था लापता
सीपत,,,, कोरबा जिले में एक अजीबोगरीब वाली घटना सामने आई है। जहां अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे परिजन उस समय हैरान रह गए जब उनका बेटा जिंदा घर लौट आया। बेटा चार दिनों से लापता था और परिजनों ने नदी से मिली लाश को उसका शव मान लिया था। जैसे ही युवक दरवाजा खोलकर अंदर आया, घर में कोहराम मच गया। कई लोग “भूत-भूत” चिल्लाते हुए इधर-उधर भागने लगे। बाद में जब सचाई सामने आई तो परिजन स्तब्ध रह गए। मामला बांकी मोंगरा थाना क्षेत्र का है।
दर्री थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट
जानकारी के अनुसार, गेवरा बस्ती निवासी हरिओम वैष्णव (27) बीते 5 सितंबर को अपनी पत्नी को मायके दर्री छोड़कर घर लौट रहा था, लेकिन रास्ते से गायब हो गया। परिजनों ने उसकी खोजबीन की और दर्री थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
*टैटू और कपड़ों से हुई गलत पहचान*
इसी दौरान सोमवार को डंगनिया नदी से एक अज्ञात शव मिला। पानी में कई घंटे रहने से शव की हालत खराब थी और पहचान करना मुश्किल हो रहा था। परिजनों ने कपड़ों, कद-काठी और हाथ पर बने “आर” अक्षर वाले टैटू के आधार पर शव को हरिओम का मान लिया। पुलिस ने पंचनामा कर शव परिजनों को सौंप दिया। घर पहुंचते ही मातम का माहौल बन गया और परिजन रोने-बिलखने लगे।
अंतिम संस्कार से पहले लौट आया बेटा
मंगलवार सुबह रिश्तेदारों को अंतिम संस्कार के लिए बुलाया गया था। तैयारी पूरी हो चुकी थी, तभी हरिओम अचानक घर पहुंच गया। उसे देखते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई। कई लोग डर के मारे भाग खड़े हुए। बाद में युवक ने बताया कि पारिवारिक विवाद के चलते वह बिना बताए दूसरे शहर चला गया था।
पुलिस जांच में जुटी
दर्री सीएसपी विमल कुमार पाठक ने बताया कि नदी से मिली लाश को पहले हरिओम का शव मान लिया गया था, लेकिन उसके जीवित लौटने के बाद स्पष्ट हो गया कि शव किसी अन्य युवक का है। शव को बांकीमोंगरा अस्पताल के मर्चुरी में सुरक्षित रखा गया है और पुलिस मृतक की वास्तविक पहचान करने में जुटी है।