
तीन दिनों से थे लापता, लगरा एनिकट के पास तैरती मिली लाश
सीपत…..सीपत थाना क्षेत्र के ग्राम मोहरा निवासी 73 वर्षीय राम रतन साहू की धार्मिक यात्रा उनकी अंतिम यात्रा बन गई। गुरुवार को सुबह 10 बजे वृंदावन दर्शन की नीयत से निकले राम रतन साहू की लाश तीन दिन बाद रविवार दोपहर खारुन नदी में तैरती मिली। शव ग्राम मोहरा से करीब 4 किलोमीटर दूर लगरा एनीकट के पास नदी में देखा गया, जिसकी सूचना ग्रामीणों ने कोटवार के माध्यम से पुलिस को दी।
सूचना मिलते ही थाना प्रभारी गोपाल सतपथी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। प्राथमिक जांच में मृतक की पहचान राम रतन साहू पिता चौका साहू, निवासी ग्राम मोहरा के रूप में हुई। वह अपने छोटे बेटे उमाशंकर साहू के साथ रहते थे और धर्म-आस्था में गहरी रुचि रखते थे। वह पहले भी कई बार अकेले वृंदावन जैसे तीर्थ स्थलों की यात्रा कर चुके थे।बड़े बेटे संजय साहू के अनुसार राम रतन साहू सरल स्वभाव और धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। तीर्थ यात्रा पर अकेले निकल जाना उनके लिए आम बात थी। उनकी असामयिक मौत की खबर से गांव में गहरा शोक है। ग्रामीणों का कहना है कि वह स्वस्थ थे और किसी से कोई विवाद भी नहीं था
शव पर नहीं मिले चोट के निशान, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलेगा राज
टीआई गोपाल सतपथी ने बताया कि शव पर किसी भी तरह के बाहरी चोट के निशान नहीं मिले हैं, जिससे प्रथम दृष्टया हत्या की पुष्टि नहीं होती। हालांकि, मौत की असली वजह जानने के लिए शव को शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सीपत के मर्च्युरी में रखवाया गया है। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
*पुलिस ने शुरू की गहराई से जांच*
राम रतन साहू की मौत को पुलिस ने हर पहलू से जांच शुरू कर दी है। जांच में यह जानने की कोशिश की जा रही है कि वह वास्तव में वृंदावन रवाना हुए थे या कहीं और गए थे। साथ ही, यह भी पता लगाने की कोशिश हो रही है कि क्या यह हादसा था या किसी साजिश का हिस्सा क्योंकि रामरतन लाश आज की है जबकि वह तीन दिनों पूर्व घर से निकल चुके थे। फिलहाल पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, जिसके बाद मौत के असल कारणों का खुलासा संभव है।
*धार्मिक आस्था के साथ जुड़ी दर्दनाक विदाई*
73 वर्षीय बुजुर्ग की यह श्रद्धा यात्रा उनके जीवन की अंतिम यात्रा बन गई,जिस वृंदावन की ओर वह श्रद्धा भाव से रवाना हुए थे, वह गंतव्य उन्हें नसीब नहीं हो सका। यह यात्रा उनके जीवन की सबसे महत्वपूर्ण और अंतिम यात्रा साबित हुई। ग्रामीणों का कहना है कि वह अक्सर गांव के मंदिरों में पूजा-पाठ करते थे और नियमित व्रत-उपवास रखते थे।*धार्मिक आस्था या हादसा, पुलिस के सामने बड़ा सवाल*
पुलिस अब यह जानने में जुटी है कि क्या राम रतन साहू की मौत एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा थी या इसके पीछे कोई गहरी साजिश है। नदी में शव का पाया जाना कई सवाल खड़े करता है, क्या वह सच में वृंदावन के लिए निकले थे? क्या किसी ने उन्हें गुमराह किया? या फिर यह आत्महत्या का मामला है? इन सभी प्रश्नों के जवाब पोस्टमार्टम रिपोर्ट और तकनीकी जांच के बाद सामने आ सकते हैं।