
नारायणपुर, ;—-जिले में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कलेक्टर ने जिलेवासियों से मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने और एक-दूसरे का सहारा बनने की अपील की। इस वर्ष की थीम है Access to services – mental health in catastrophes and emergencies, जिसका उद्देश्य संकट के समय सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करना है।
कलेक्टर ने कहा कि संकट में डर, घबराहट या थकान महसूस होना स्वाभाविक है, पर किसी को इन भावनाओं से अकेले नहीं जूझना चाहिए। उन्होंने जिलेवासियों से आग्रह किया कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सब तक पहुँचाएं, बिना जजमेंट एक-दूसरे को सुनें और खुलकर बात करें ताकि कलंक और चुप्पी टूटे।
जिला प्रशासन स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों, पंचायतों और समुदायों के माध्यम से सहयोग तंत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अंतर्गत टेली मानस हेल्पलाइन 14416, परामर्श सेवाएँ और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कलेक्टर ने कहा, “आप अकेले नहीं हैं मदद है, उम्मीद है।”
आगामी एक सप्ताह तक जिलेभर में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें स्कूलों और पंचायतों के स्तर पर संवाद सत्र, समुदाय आधारित प्रशिक्षण, मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता रैली और परामर्श शिविर शामिल रहेंगे। इन कार्यक्रमों के माध्यम से विशेष रूप से बच्चों, किशोरों और युवाओं को प्राथमिकता देते हुए एक सुरक्षित और संवेदनशील वातावरण तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस अभियान में यूनिसेफ का सहयोग भी सराहनीय रहा है। यूनिसेफ जिले में निरंतर अभियानों, प्रशिक्षणों और स्कूल आधारित संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समुदायों में जागरूकता फैलाने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
कलेक्टर ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा, “हम सब मिलकर ऐसा समाज बनाएं जहाँ मानसिक स्वास्थ्य को समझा जाए, सम्मान दिया जाए और उसे प्राथमिकता दी जाए। याद रखें आप अकेले नहीं हैं, मदद है, उम्मीद है।”