उत्तराखंड की धामी सरकार जल्द ही सदन में एक बिल पेश कर सकती है। इस बिल के जरिए आपातकाल के दौरान जेल गए लोकतंत्र सेनानिय की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। गृह मंत्रालय ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
आपातकाल के दौरान जेल गए लोकतंत्र सेनानियों को धामी सरकार कानूनी कवच देने जा रही है।
ऐसे लोगों को पेंशन सहित अन्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए सरकार 19 अगस्त से गैरसैंण में शुरू होने जा रहे मानसून सत्र में विधेयक पेश कर सकती है। राज्य का गृह विभाग इसकी तैयारी में जुटा है
लोकतंत्र सेनानियों के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस के बीच हमेशा से टकराव बना रहा। त्रिवेंद्र सरकार के दौरान लोकतंत्र सेनानियों को पेंशन देने से जुड़ा एक शासनादेश जारी किया गया था। इसके तहत इन्हें 20 हजार रुपये प्रतिमाह की पेंशन दी जाती है। उत्तराखंड में ऐसे लोकतंत्र सेनानियों की संख्या करीब 80 है। आने वाले समय में कोई सरकार लोकतंत्र सेनानियों के इस हक को न छीन ले, इसलिए धामी सरकार अब इसे कानूनीजामा पहनाने जा रही है।
बता दें कि 25 जून को आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में देहरादून में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके अधिकारों को सुरक्षित किए जाने का भरोसा दिया था। केंद्र सरकार ने पूरे देश में 25 जून को आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था।
गृह विभाग के अधिकारी विधेयक का ड्राफ्ट तैयार करने में जुटे हुए हैं। 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक आपातकाल के दौरान एक महीने की जेल काटने वाले लोगों को इस विधेयक का लाभमिल सकेगा। गृह विभाग के सूत्रों की मानें तो विधेयक पास होने के बाद ऐसे लोगों को मासिक पेंशन के अलावा परिवहन, स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं भी दी जा सकती हैं। ड्राफ्ट तैयार किए जाने के संबंध में सचिव गृह शैलेश बगोली ने पुष्टि की है।