रतनपुर (चपोरा);—
ग्राम पंचायत चपोरा के आश्रित मोहल्ला खुटापारा में ग्रामीणों की सुविधा के लिए दो सामुदायिक भवनों का निर्माण लगभग तीन साल पहले शुरू हुआ था। उद्देश्य था कि गांव में शादी-ब्याह, बैठक, सामाजिक कार्यक्रम और जनकल्याण से जुड़े कार्यों के लिए एक पक्का स्थान उपलब्ध हो सके। परंतु तीन साल बाद भी यह सपना अधूरा है — और जो इमारतें गांव की शान बन सकती थीं, आज उपेक्षा और भ्रष्टाचार की मिसाल बनकर खड़ी हैं।काम अधूरा, दरवाजे-खिड़कियां नदारद
ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण कार्य बीच में ही रोक दिया गया। न तो दरवाजे-खिड़कियां लगे, न फर्श पूरा हुआ, न रंग-रोगन। दीवारें अधूरी हैं और कई जगह से टपकने लगी हैं।
भवन बन गया गोदाम
अधूरा भवन अब भटकते मवेशियों और असामाजिक तत्वों के लिए ठिकाना बन गया है। कुछ जगहों पर इसे गोदाम की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में सामुदायिक उपयोग का सपना धूल में मिल रहा है, जबकि सरकारी धन और समय दोनों की बर्बादी हो रही है।
गांव में आक्रोश, कलेक्टर को शिकायत
गांव के सतीलाल साहू, लव कुमार, अरविंद कुमार, मुनेन्द्र कुमार, अशोक कुमार, सुनील कश्यप, रमेश, अजय, तानसेन, विनोद कुमार और रामशंकर समेत 11 ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से कलेक्टर बिलासपुर को शिकायत सौंपी है। इसमें आरोप लगाया गया है कि पंचायत के सरपंच और सचिव की उदासीनता के कारण यह काम वर्षों से अधूरा पड़ा है।
ग्रामीणों की आवाज
सीताराम पंच (ग्रामीण): “हमारे मोहल्ले के लोगों ने इस भवन का बेसब्री से इंतजार किया, लेकिन तीन साल में भी काम पूरा नहीं हुआ। प्रशासन को चाहिए कि तुरंत कार्रवाई कर काम पूरा कराए।”
लव कुमार (ग्रामीण): “यह भवन अगर समय पर बन जाता तो गांव के कार्यक्रम यहीं होते, लेकिन अब यह अधूरा ढांचा खड़ा है और बर्बाद हो रहा है। जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
जनहित की अपील
ग्रामीणों का कहना है कि यदि तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो यह भवन पूरी तरह जर्जर होकर अनुपयोगी हो जाएगा, और इसका नुकसान सीधे गांववासियों को झेलना पड़ेगा। उन्होंने मांग की है कि प्रशासन तत्काल जांच कराए, दोषियों पर कार्रवाई करे और जल्द से जल्द सामुदायिक भवन का निर्माण पूरा कराया जाए।