
रतनपुर… बिलासपुर के लालखदान में हावड़ा रूट पर मेमू ट्रेन और मालगाड़ी की जोरदार टक्कर हुई, जिसमें 4 यात्रियों की मौत और दर्जनों घायल हुए. कई डिब्बे पटरी से उतर गए. रेलवे और स्थानीय रेस्क्यू टीम्स राहत कार्य में जुटी हैं. ट्रेन परिचालन ठप, कुछ ट्रेनों को डायवर्ट या रद्द किया गया. हादसे की जांच के लिए उच्चस्तरीय कमिटी गठित की गई है.
बिलासपुर रेलवे डिवीजन के अंतर्गत लालखदान क्षेत्र में मंगलवार दोपहर करीब 4 बजे एक दिल दहला देने वाला ट्रेन हादसा हो गया. हावड़ा रूट पर चल रही एक पैसेंजर मेमू ट्रेन का एक डिब्बा अचानक मालगाड़ी से आमने-सामने टकरा गया. यह टक्कर इतनी जोरदार थी कि मेमू ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई. प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हादसे में कम से कम 4 यात्रियों की मौत हो गई है, जबकि दर्जनों यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों में कुछ की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है, जिन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया.
हादसा बिलासपुर स्टेशन से महज कुछ किलोमीटर दूर लालखदान के पास हुआ. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मेमू ट्रेन हावड़ा की ओर जा रही थी, तभी विपरीत दिशा से आ रही मालगाड़ी से उसकी भिड़ंत हो गई. टक्कर के बाद मेमू ट्रेन का आगे का डिब्बा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि मालगाड़ी के इंजन में भी गंभीर नुकसान पहुंचा. पटरी से उतरे डिब्बों ने आसपास के क्षेत्र को युद्धक्षेत्र जैसा बना दिया. यात्रियों के चीखने-चिल्लाने की आवाजें और धुएं का गुबार पूरे इलाके में फैल गया. कई यात्री डिब्बों में फंस गए थे, जिन्हें स्थानीय लोगों और रेलवे कर्मियों ने किसी तरह बाहर निकाला.
रेलवे प्रशासन ने तुरंत हादसे की सूचना मिलते ही आपातकालीन टीमों को रवाना कर दिया. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, घायलों के इलाज के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध करा दिए गए हैं. बिलासपुर के सरकारी और निजी अस्पतालों में विशेष वार्ड तैयार किए गए हैं, जहां डॉक्टरों की टीम लगातार घायलों की देखभाल कर रही है. रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, ताकि परिजन अपने यात्रियों की जानकारी प्राप्त कर सकें. इसके अलावा, एनडीआरएफ और स्थानीय रेस्क्यू टीम्स मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में जुटी हुई हैं. पटरी से उतरे डिब्बों को हटाने और क्षतिग्रस्त ट्रैक की मरम्मत के लिए क्रेन और मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है.
हादसे के कारण हावड़ा रूट पर ट्रेन परिचालन पूरी तरह ठप हो गया है. कई एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, जबकि कुछ को वैकल्पिक रूटों से डायवर्ट किया जा रहा है. रेलवे ने यात्रियों से धैर्य बनाए रखने और अपडेट्स के लिए आधिकारिक वेबसाइट या ऐप चेक करने की अपील की है. प्रारंभिक जांच में सिग्नल फेलियर या मानवीय भूल को हादसे का कारण माना जा रहा है, लेकिन विस्तृत जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमिटी गठित की गई है. रेल मंत्री ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को मुआवजे की घोषणा की है.
यह हादसा रेल सुरक्षा के मुद्दे को फिर से उजागर करता है. पिछले कुछ वर्षों में ऐसे दुर्घटनाओं में कमी आई है, लेकिन तकनीकी खामियां और व्यस्त रूट्स पर दबाव अभी भी चुनौती बने हुए हैं. रेलवे को सिग्नल सिस्टम को और मजबूत करने, ट्रेनों की स्पीड कंट्रोल और स्टाफ ट्रेनिंग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. घायलों की जल्द स्वस्थ होने और हादसे की गहन जांच की उम्मीद है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियां रोकी जा सकें. फिलहाल, राहत कार्य जारी हैं और स्थिति पर नजर रखी जा रही है.
दुर्घटना में प्रभावित व्यक्तियों के लिए निम्न अनुग्रह राशि की घोषणा की गई है । मृतकों (casualties) के परिजनों को ₹10 लाख, गंभीर रूप से घायल यात्रियों को ₹5 लाख तथा सामान्य रूप से घायल यात्रियों को ₹1 लाख की सहायता राशि प्रदान की जाएगी ।
रेल प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर प्रारंभ कर दिए गए हैं । वरिष्ठ अधिकारी तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं तथा घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भेजा गया है । रेलवे प्रशासन प्रभावित यात्रियों को हरसंभव सहायता एवं समन्वय प्रदान कर रहा है ।
इस घटना की विस्तृत जांच रेलवे सुरक्षा आयुक्त (Commissioner of Railway Safety – CRS) स्तर पर कराई जाएगी, ताकि कारणों की समुचित जांच कर आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें









