
“रतनपुर का बस स्टैंड बना शर्म का स्टैंड – सड़क बनी स्टॉप, जान पर बन आई यात्रा!”
महामाया नगरी में श्रद्धालुओं की आस्था और प्रशासन की लापरवाही का टकराव!
रतनपुर, बिलासपुर:—
छत्तीसगढ़ की धार्मिक राजधानी कही जाने वाली रतनपुर में इन दिनों आस्था के साथ खिलवाड़ और जनसुविधाओं की घोर उपेक्षा का नंगा सच सामने है। करोड़ों की लागत से बना बस स्टैंड अब लावारिस कबाड़ में तब्दील हो चुका है – और उसकी जगह शहर की सड़कों पर बसें अतिक्रमण कर रही हैं, जिससे श्रद्धालुओं की जान, आस्था और नगर की साख – तीनों पर संकट मंडरा रहा है।
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🚧 बस स्टैंड बंद, सड़कों पर जाम – ट्रैफिक बना त्रासदी!
रोजाना हजारों श्रद्धालु महामाया देवी के दर्शन हेतु रतनपुर पहुंचते हैं, लेकिन स्वागत में उन्हें मिलती है – अव्यवस्था की भयावह तस्वीर।
बसें सड़कों पर ही रुकती हैं, जिससे घंटों जाम, अव्यवस्थित पार्किंग, और लगातार हादसों का खतरा बना रहता है।
न बस स्टैंड चालू है, न सड़कों पर जगह। यह कैसा धार्मिक पर्यटन?” — स्थानीय नागरिक
💥 कभी बना था मॉडल, अब बना मज़ाक!
लाखों की लागत से बना बस स्टैंड आज वीरान पड़ा है।
👉 शेड जंग खा चुके हैं
👉 दीवारें टूट चुकी हैं
👉 परिसर में अब बसों की जगह ठेले, कारें और कूड़ा
किसी भी सुविधा का नामोनिशान नहीं — न बैठने की जगह, न साफ-सफाई, न सुरक्षा, न पूछताछ काउंटर।
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🙏 श्रद्धालुओं की पीड़ा – “आस्था है, लेकिन व्यवस्था कहां है?”
> “महामाया मंदिर तक पहुंचने से पहले ही संकटों की परिक्रमा करनी पड़ती है।”
धूप में बच्चे, महिलाओं और बुजुर्गों को सड़कों के बीच उतरना पड़ता है। हादसे की आशंका हर कदम पर बनी रहती है।
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📢 जनता का अल्टीमेटम: अब नहीं सहेंगे चुप्पी!
🔴 तुरंत शुरू हो बस स्टैंड
🔴 अवैध पार्किंग पर हो कड़ी कार्रवाई
🔴 तय मार्ग और स्टॉप को सख्ती से लागू करें प्रशासन
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❗ अब सवाल ये है:
🛑 क्या महामाया नगरी की गरिमा यूं ही सड़कों पर रौंदी जाती रहेगी?
🛑 क्या बस स्टैंड का कब्रिस्तान बन जाना किसी की जिम्मेदारी नहीं?
👉 रतनपुर पूछ रहा है – “श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था का हिसाब कौन देगा?”