
सीमांकन में गड़बड़ी का आरोप: पिताम्बर भारत ने नक्शा-बंटांकन और नए सीमांकन की मांग की
बिलासपुर, रतनपुर:—वार्ड क्रमांक 6 निवासी पिताम्बर भारत पिता स्व. शिवराम माली ने सीमांकन में गंभीर अनियमितता और पंचनामा में कूट रचना का आरोप लगाते हुए कलेक्टर जनदर्शन में गुहार लगाई है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच हेतु जिला स्तरीय टीम गठित कर दोबारा नक्शा-बंटांकन और सीमांकन कराने की मांग की है।
पिताम्बर ने बताया कि उनकी पुश्तैनी जमीन रतनपुर के पटवारी हल्का नंबर 12 में खसरा नंबर 6419/1 एवं 6419/2 (रकबा क्रमशः 0.069 हेक्टेयर और 0.081 हेक्टेयर) गिरजाबंद रोड से आवास मोहल्ला जाने वाले रास्ते के किनारे स्थित है। इस भूमि को उनके पिता शिवराम माली ने वर्ष 2000 में खसरा नं. 6441/1 की 0.52 एकड़ भूमि समेत विमला बाई (पति स्व. मोहन कहरा) को बेच दिया था।
गलत चौहद्दी का सहारा लेकर फर्जी बिक्री का आरोप——
पिताम्बर के अनुसार, विमला बाई ने खरीदी गई भूमि की सही चौहद्दी न दर्शाते हुए वर्ष 2013 में रमेश शर्मा उर्फ अन्ना शर्मा को रजिस्ट्री कर दी, जबकि वास्तविकता में वह भूमि सड़क से लगी हुई नहीं है। खरीदी गई भूमि पिताम्बर की जमीन के पीछे स्थित है, जो ऑनलाइन नक्शे में भी स्पष्ट रूप से दर्शित है।
पंचनामा में कूट रचना का आरोप——
सीमांकन के लिए पिताम्बर द्वारा तहसील न्यायालय में दिए गए आवेदन पर तत्कालीन राजस्व निरीक्षक सुनील कश्यप ने सीमांकन किया। मौके पर तैयार किए गए पंचनामे में पिताम्बर और संजय यादव सहित अन्य लोगों के हस्ताक्षर थे, जबकि रमेश शर्मा ने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था।लेकिन 3-4 माह बाद प्रस्तुत प्रतिवेदन में एक नया पंचनामा संलग्न कर दिया गया, जिसमें पिताम्बर और संजय यादव के हस्ताक्षर नहीं थे, उल्टा रमेश शर्मा के हस्ताक्षर दर्शाए गए, जो मौके पर मौजूद पंचनामा से मेल नहीं खाता। यही नहीं, उक्त पंचनामा में माप और चौहद्दी की जानकारी भी पूरी तरह गलत है।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भूमि पर दावा
पिताम्बर का आरोप है कि रमेश शर्मा अपनी खरीदी गई जमीन का सीमांकन करवाने से बच रहा है, क्योंकि ऐसा करने से असलियत सामने आ जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि रमेश शर्मा जिस जमीन का दावा कर रहे हैं, वह असल में उनके (पिताम्बर) स्वामित्व वाली भूमि है।
जांच की मांग———
पिताम्बर भारत ने कलेक्टर बिलासपुर से मांग की है कि सीमांकन में हुई अनियमितता और दस्तावेजी गड़बड़ी की निष्पक्ष जांच कराई जाए और जिला स्तरीय टीम गठित कर दोबारा नक्शा-बंटांकन एवं सीमांकन कार्य कराया जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।