
रतनपुर——छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने राज्य सरकार के प्रति नाराजगी जताते हुए 6 सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ा आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि आगामी मानसून सत्र में उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं हुआ, तो 16 जुलाई 2025 को राजधानी रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ विधानसभा का ऐतिहासिक घेराव किया जाएगा।
आपको बता दे की सोमवार को संघ के प्रतिनिधियों ने बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला व बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल सहित कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपा और कहा कि यह आंदोलन दिव्यांगजनों के स्वाभिमान और अधिकारों की रक्षा के लिए निर्णायक लड़ाई होगी।संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि यह आंदोलन एक स्वाभिमान पैदल मार्च, धरना और रैली के रूप में आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रदेश भर के दिव्यांगजन हिस्सा लेंगे। उन्होंने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्षों से मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे दिव्यांग समाज में आक्रोश है।
संघ की प्रमुख 6 सूत्रीय मांगें इस प्रकार हैं:
1. फर्जी दिव्यांग शासकीय कर्मचारियों की तत्काल बर्खास्तगी।
2. दिव्यांग पेंशन ₹5000 प्रति माह की जाए और BPL अनिवार्यता समाप्त की जाएl
3. 18 वर्ष से ऊपर की अविवाहित दिव्यांग महिलाओं को ‘महतारी वंदन योजना’ में शामिल किया जाए।
4. दिव्यांगों के लिए विशेष सरकारी भर्ती अभियान चलाया जाए।
5. शासकीय दिव्यांग कर्मचारियों को पदोन्नति में 4% आरक्षण सुनिश्चित किया जाए।
6. बेरोजगार दिव्यांगजनों को बिना गारंटर ऋण सुविधा दी जाए और पूर्व ऋण माफ किए जाएं।
ज्ञापन सौंपने वालों में विनोद कुमार साहू, उमाशंकर बंजारे, नारायण रजक, ऐवसराम कश्यप, रामकुमार केवट, शिवनारायण साहू, तेजराम साहू और संदीप वर्मा शामिल थे।
संघ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक राज्य सरकार उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लेती, आंदोलन जारी रहेगा। यह प्रदर्शन न केवल दिव्यांगजनों की न्याय की लड़ाई है, बल्कि उनके आत्मसम्मान की गूंज भी है, जो 16 जुलाई को विधानसभा के सामने गूंजेगी।