
रतनपुर/बिलासपुर,:—-
छत्तीसगढ़ शासन के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग अंतर्गत खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा प्रदेशव्यापी स्तर पर चलाए जा रहे “बने खाबो, बने रहिबो” अभियान के अंतर्गत 4 अगस्त से 6 अगस्त 2025 तक विशेष जांच एवं जनजागरूकता अभियान का आयोजन किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य आम नागरिकों को स्वच्छ, सुरक्षित एवं शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना है तथा खाद्य कारोबारियों को गुणवत्ता व स्वच्छता के प्रति उत्तरदायी बनाना है।
बिलासपुर जिले में चला सघन निरीक्षण अभियान
इस अभियान के अंतर्गत 5 अगस्त 2025 को बिलासपुर जिले में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की विशेष टीम द्वारा विभिन्न मिठाई दुकानों, जलपान गृहों, होटलों एवं अन्य खाद्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर 15 खाद्य नमूने संकलित किए गए, जिन्हें आगे राज्य खाद्य प्रयोगशाला में जांच हेतु भेजा गया है।
साफ-सफाई और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
निरीक्षण के दौरान प्रतिष्ठानों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि वे खाद्य वस्तुओं के निर्माण, भंडारण और विक्रय में स्वच्छता मानकों का कड़ाई से पालन करें। खाद्य सामग्री में अखबारी कागज के उपयोग को पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है, क्योंकि इसमें मौजूद स्याही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। साथ ही Used Cooking Oil (प्रयुक्त तेल) के दोबारा उपयोग पर भी सख्त मनाही की गई, जो कैंसर सहित अनेक गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
प्रमुख प्रतिष्ठानों से लिए गए नमूने
इस अभियान के तहत जिन प्रतिष्ठानों से खाद्य नमूने लिए गए, उनमें जिले के प्रमुख नाम शामिल हैं:
गोवर्धन मार्ट से – सोन पापड़ी (सूजी)
कृष्णा कोलकाता स्वीट्स से – पेड़ा एवं खोवा
न्यू नटराज स्वीट्स से – चमचम, पेड़ा, बेसन लड्डू
तिवारी जलपान गृह से – मसूर पाक एवं बूंदी लड्डू
सावन सेट, रतनपुर से – बूंदी लड्डू एवं पेड़ा
ताज स्वीट्स, शनिचरी चौक, रतनपुर से – चमचम एवं बूंदी लड्डू
मंजू स्वीट्स, महामाया चौक से – मगज लड्डू
राजा होटल, केंदा से – जलेबी
इन प्रतिष्ठानों से लिए गए सभी खाद्य उत्पादों को निर्धारित तापमान और मानकों के अनुसार पैक कर प्रयोगशाला भेजा गया, जहां इनकी स्वच्छता, मिलावट, रसायन, रंग और अन्य तत्वों की वैज्ञानिक जांच की जाएगी।
निरीक्षण दल में शामिल अधिकारी
इस कार्रवाई में खाद्य सुरक्षा अधिकारी अंकित गुप्ता, अभिशा मरावी, भारतीय शांडिल्य, तथा नमूना सहायक निखिलेश साहू, प्रतीक तिवारी एवं हरीभूषण जायसवाल शामिल रहे। पूरी कार्यवाही विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुसार विधिपूर्वक संपन्न हुई।
मिलावट पाए जाने पर होगी कठोर कार्रवाई
खाद्य सुरक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्रयोगशाला रिपोर्ट में किसी भी नमूने में यदि मिलावट, अस्वच्छता या अमानक तत्व पाए जाते हैं, तो संबंधित प्रतिष्ठान के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के तहत कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना, लाइसेंस निरस्तीकरण, एफआईआर पंजीकरण तक की प्रक्रिया शामिल हो सकती है।
आमजन को भी दी गई अपील
खाद्य विभाग ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि वे खाद्य सामग्री खरीदते समय सावधानी बरतें, खुली व संदिग्ध वस्तुओं का सेवन न करें, तथा दुकानों पर FSSAI लाइसेंस संख्या अनिवार्य रूप से जांचें। किसी भी प्रकार की मिलावट, खराब खाद्य सामग्री अथवा अस्वच्छता की जानकारी होने पर नजदीकी खाद्य सुरक्षा अधिकारी या विभागीय पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं।